नई दिल्ली। सरकार ने देश की 9,500 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को ऊंचे जोखिम वाली इकाइयों के रूप में वर्गीकृत किया है। इन NBFC ने मनी लांड्रिंग रोधक कानून (PMLA) के तय प्रावधानों को पूरा नहीं किया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत काम करने वाली वित्तीय आसूचना इकाई (FIU) ने 9,491 हाई रिस्क वाले वित्तीय संस्थानों के नाम प्रकाशित किए हैं। इसके पीछे उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था में अपराध रोकना और प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क करना है। इस सूची को जनवरी 2018 तक अपडेट किया गया है।
मनी लांड्रिंग रोधक कानून (PMLA) के तहत NBFC को अपने वित्तीय परिचालन और लेनदेन का ब्योरा FIU को देना होता है। इनमें सहकारी बैंक भी आते हैं। सूत्रों ने FIU ने इन कंपनियों के आंकड़ों की जांच के बाद पाया कि इन्होंने मुख्य रूप से एक शर्त को पूरा नहीं किया। यह संदिग्ध लेनदेन और 10 लाख रुपए या अधिक के लेनदेन को रिपोर्ट करने के लिए प्रमुख अधिकारी की नियुक्ति से संबंधित है। ज्यादातर NBFC ने ऐसे अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है।
सूत्रों ने बताया कि नवंबर, 2016 में 1,000 और 500 रुपए के नोटों को बंद करने के बाद इन संस्थानों की गतिविधियां FIU की जांच के घेरे में हैं। FIU ने इनके आंकड़ों के विश्लेषण के बाद नाम प्रकाशित किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि FIU द्वारा नाम प्रकाशित किए जाने का मकसद जनता को यह बताना है कि ये NBFC कानून का अनुपालन नहीं कर रहे हैं और उन्हें इस तरह की इकाइयों से लेनदेन से बचना चाहिए।