नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर आपदा उपकर लगाने पर विचार नहीं कर रहा है, क्योंकि कंपनियों को कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से पहले से ही बिक्री में गिरावट और मांग में कमी का सामाना करना पड़ रहा है। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।
इससे पहले कुछ खबरों में कहा गया था कि केंद्र सरकार जीएसटी पर उसी तरह का आपदा उपकर लगाने पर विचार कर रही है, जैसा केरल सरकार ने पिछले साल जून में बाढ़ उपकर लगाया था।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में किसी भी प्रकार का आपदा उपकर लगाना अपने-आप में एक आपदा से कम नहीं होगा। एक सूत्र ने कहा कि इस समय इस प्रकार कर बढ़ाने से उल्टे नुकसान ही होगा क्योंकि बिक्री पहले से ही कम है और उद्योग जगत मांग में गिरावट और मजदूरों को लेकर कठिनाइयों का सामना कर रहा है।
सूत्र ने कहा कि इस तरह के किसी भी उपाय से उपभोक्ताओं का हौसला गिर सकता है और बाजार कमजोर हो सकता है, खासकर तब जब सरकार उपभोग को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी किसी भी देश ने इस महामारी समय के दौरान इस तरह का प्रयोग नहीं किया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इससे पहले दिन में ट्वीट किया था कि यहां तक कि आरबीआई ने भी माना है कि इस साल वृद्धि दर नकारात्मक रहने वाली है। ऐसे में जीएसटी पर आपदा उपकर लगाने के बारे में सोचिए भी मत। यह एक अन्य आपदा साबित होगा।