फरीदाबाद। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत ज्यादा टैक्स की मार झेल रहे कारोबारियों को जल्द कुछ राहत मिल सकती है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिया है कि राजस्व बढ़ने के बाद माल एवं सेवा कर जीएसटी के तहत स्लैब में कटौती की जा सकती है। रविवार को वित्तमंत्री ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान इसको लेकर बयान दिया।
वित्तमंत्री ने कहा कि, हमारे पास इसमें दिन के हिसाब से सुधार करने की गुंजाइश है। हमारे पर सुधार की गुंजाइश है और अनुपालन का बोझा कम किया जा सकता है। खासकर छोटे करदाताओं के मामले में। उन्होंने कहा, हमारे पास सुधार की गुंजाइश है। एक बार हम राजस्व की दृष्टि से तटस्थ बनने के बाद बड़े सुधारों के बारे में सोचेंगे। मसलन कम स्लैब। लेकिन इसके लिए हमें राजस्व की दृष्टि से तटस्थ स्थिति हासिल करनी होगी।
फिलहाल GST के अलग-अलग टैक्स स्लैब हैं, रोजमर्रा के इस्तेमाल की कई जरूरी चीजों को टैक्स से बाहर रखा गया है, इसके बाद 5, 12,18 और 28 फीसदी की दर से टैक्स के स्लैब हैं, सोने और इसकी ज्वैलरी पर 3 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाता है। शनिवार को देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लागू हुए 3 महीने पूरे हो चुके हैं। पहली जुलाई से देशभर में GST को लागू कर दिया गया था।