नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने बैंकों के पास अतिरिक्त नकदी के उपयोग के तरीकों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को बैंक के टॉप अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में चुनिंदा बड़े बैंकों के प्रमुख शामिल होंगे। इसकी अध्यक्षता आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास करेंगे। इसके अलावा रिजर्व बैंक के डिप्टी गर्वनर समेत टॉप अधिकारियों के भी इसमें भाग लेने की संभावना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की थी। इससे बैंकों में बड़ी मात्रा में राशि जमा हुई। विभिन्न अनुमानों के अनुसार बैंकों के पास करीब 14 लाख करोड़ रुपए जमा हुए।
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय नया मसौदा स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसेलिटी को क्रियान्वित करना चाहता है। इससे अधिशेष नकदी बिना किसी गिरवी के रेपो दर से कम ब्याज पर प्रवाह में आएगी। अत्यधिक नकदी जमा से महंगाई को लेकर ऐसे समय चिंता बढ़ी है जब रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को काबू में रखने पर जोर दे रहा है।
इससे पहले मंगलवार को दास ने कहा कि सरकार 500 रुपए व इससे छोटे मूल्य के नोटों की छपाई व आपूर्ति पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि बड़ी राशि वाले नोटों को दबाकर रखने से बचा जा सके।
दास ने कहा, फिलहाल 500 रुपए व इससे छोटे नोटों की छपाई व आूपर्ति पर जोर दिया जा रहा है ताकि लोगों के पास 500 रुपए के नोट अधिक हों। ऐसी आशंकाएं व्यक्त की जा रहीं हैं कि 2000 रुपए के नोटों को फिर से दबाकर रखा जा सकता है, (लेकिन) यह नहीं होना चाहिए।