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विजय माल्या टाइप के लोगों को दबाव वाली संपत्ति खरीदने से रोकें, वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया निर्देश

वित्त मंत्रालय ने बैंकों को सतर्कता बरतने और कर्ज न चुकाने वाले पुराने प्रवर्तकों को संबंधित सम्पत्ति पर पुन: सस्ते में दाव लगाने से रोकने के निर्देश दिए हैं

Manoj Kumar @kumarman145
Published on: November 19, 2017 15:52 IST
विजय माल्या टाइप के लोगों को दबाव वाली संपत्ति खरीदने से रोकें, वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया निर्देश- India TV Paisa
विजय माल्या टाइप के लोगों को दबाव वाली संपत्ति खरीदने से रोकें, वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया निर्देश

नई दिल्ली। दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत कारवाइयों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए वित्त मंत्रालय ने बैंकों को सतर्कता बरतने और कर्ज न चुकाने वाले पुराने प्रवर्तकों को संबंधित सम्पत्ति पर पुन: सस्ते में दाव लगाने से रोकने के निर्देश दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंकों ने ऐसे 12 चुनिंदा कर्जदारों के खिलाफ दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता संहिता के तहत रिण-ग्रस्त सम्पत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू की है जिनपर 5,000-5,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक के कर्ज बकाया हैं।

इन 12 खातों पर बकाया कुल कर्ज कुल कर्ज 1.75 लाख करोड़ रुपये है जो बैंकों की गैर निष्पादित आस्तियों (NPA) का 25 प्रतिशत बैठता है। इनके अलावा बैंक कुछ और बड़े अनरुद्ध रिणों के मामलों को दिवाला संहिता के तहत राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण के पास ले जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि कुछ जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले उन मामलों में संपत्तियों की खरीद का प्रयास कर रहे हैं जिन्हें आईबीसी के पास भेजा गया है।

अधिकारी ने कहा कि यह निपटान समूची बैंकिंग प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए बैंकों से सतर्कता बरतने को कहा गया है जिससे जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला इस प्रक्रिया का फायदा न उठा पाएं। उन्होंने कहा कि बैंक इस तथ्य को लेकर काफी सतर्क हैं कि डिफॉल्टरों को प्रणाली में फिर प्रवेश का मौका न मिले। आईबीसी ने इसके निपटान के लिए समयसीमा तय की है। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण द्वारा किसी मामले को स्वीकार करने या खारिज करने के लिए 14 दिन का समय होगा। एनसीएलटी द्वारा मामले को स्वीकार करने के बाद बैंकों को दिवाला संहिता के तहत सम्पत्ति के निस्तारण के लिए पेशेवरों की नियुक्ति के लिए 30 दिन का समय मिलता है और समूची प्रक्रिया के लिए 180 दिन का समय तय है। इसमें परियोजना के पुनरुद्धार या परिसमापन जैसे विकल्पों पर विचार किया जाएगा।

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