नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद कई सवाल के जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि गृहणियां और किसान, जिनके पास वास्तविक बचत है, उन्हें इसे अपने बैंक खातों में 2.5 लाख रुपए तक जमा करने के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा,
पारिवारिक खर्चों के लिए घर में पड़ी छोटी रकम जैसे 25,000 रुपए, 30,000 रुपए या 50,000 रुपए जमा करने में उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
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इस कदम के होंगे कई फायदे
- जेटली ने कहा कि इस कदम से अधिक से अधिक लेनदेन को डिजिटल रूप देने में मदद मिलेगी।
- अब लोग अपनी आय को सार्वजनिक करेंगे और करों का भुगतान करेंगे।
- भारत अब अधिक कर अनुपालन वाला समाज बनेगा।
- उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कालाधन, अपराध का पैसा या घूस की रकम जमा कर रखी है, उन्हें मुसीबत उठानी पड़ेगी।
राजनीति पर भी पड़ेगा असर
- वित्त मंत्री ने कहा कि इस निर्णय का राजनीति पर भी असर पड़ेगा।
- कुछ राजनीतिक फंडिंग चेक से शुरू हो गई है और यदि यह कदम कुछ सफाई कर सकता है तो यह एक बड़ा कदम होगा।
- यदि इस निर्णय के परिणाम स्वरूप चुनाव सस्ते होते हैं तो यह एक अच्छी शुरुआत होगी।
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अर्थव्यवस्था पर होगा पॉजिटिव असर
- जेटली ने कहा कि अधिक मूल्य वाले नोटों को बंद करने से अर्थव्यवस्था का विस्तार होगा, राजस्व आधार बढ़ेगा और व्यवस्था स्वच्छ एवं विश्वसनीयता लिए हुए होगी। उन्होंने कहा कि ईमानदार नागरिक यह महसूस करेंगे कि ईमानदारी का फल मिलता है और इससे संतोष भी मिलता है।
बाद में कई पाबंदियों में मिलेगी ढील
- राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि नए नोटों की आपूर्ति बढ़ने के साथ नकदी निकासी की सीमा में ढील दी जाएगी।
- शुरुआत में निकासी पर पाबंदियां होंगी, लेकिन जैसे ही 2,000 और 500 रुपए के नए नोटों की आपूर्ति बढ़ती है, जहां तक संभव होगा ढील दी जाएगी।