चेन्नई। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व में बनी केन्द्र सरकार ने सत्ता तंत्र और प्रशासन में जिस तरह का बदलाव और सफाई की है वह अपने आप में 'अविश्वसनीय' है। भाजपा सरकार ने यह काम बिना किसी वैरभाव और चिंता में पड़े किया है।
सीतारमण ने यहां 'पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का मार्ग' पर आयोजित नानी पालखीवाला स्मारक व्याख्यान देते हुए कहा कि 2014 से 2016 तक कई तरह के सवाल उठाए गए कि सुधारों को तेजी से आगे क्यों नहीं बढ़ाया जा रहा है। इस तरह की भी टिप्पणियां की गई कि सरकार सुधारों को बढ़ाने में अक्षम है। उन्होंने कहा कि सरकार पर आरोप लगाए गए उसकी आलोचना की गई कि सरकार कुछ करना चाहती है लेकिन वह नहीं कर रही है।
सीतारमण ने कहा, 'मैं इसे स्वीकार करती हूं।' सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस बात को भी याद किया जो कि वह अक्सर कहा करते थे कि वह एक के बाद एक बदलाव में विश्वास नहीं करते हैं बल्कि देश को अच्छे परिवर्तनकारी बदलावों की दरकार है। भारत आज जिस स्थिति में है, यह मामूली बदलाव नहीं बल्कि बड़े परिवर्तनकारी बदलाव हैं। 'इसके बावजूद कोई भी यह कह सकता है कि पिछले पांच साल में सरकार ने कुछ नहीं किया। यह आलोचनात्मक विश्लेषण हो सकता है और मैं इसे भी सुनने को तैयार हूं।'
उन्होंने कहा, '2014 के बाद जिस तरह की सफाई और तंत्र में बदलाव सरकार को करना पड़ा वह अविश्वसनीय है और हमने यह काम बिना किसी वैरभाव और चिंता के किया, हमें यह करना था और यह काम का हिस्सा है।' देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की कार्ययोजना विषय पर टिप्पणी करते हुये सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्य को हवाला देते हुये कहा कि सरकार जिस रास्ते पर आगे बढ़ेगी उसमें 'सरकार का अभाव नहीं होना चाहिये, प्रभाव होना चाहिये और दबाव नहीं होना चाहिये।'
सीतारमण ने कहा, 'अभाव और दबाव दोनों की जरूरत नहीं है। कमी नहीं होनी चाहिये, आपको ऐसी सरकार चाहिये जो उपस्थित रहे और जिससे काम करने की उम्मीद हो।' वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को चुनाव के जरिये जनादेश मिला है और 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवसथा बनने का रास्ता इसी में है। उन्होंने कहा कि सरकार वहां होगी जहां सुविधा देनी होगी, सरकार प्रक्रियाओं को आसान बनाने के लिए होगी, सरकार वहां होगी जहां आपको हमारी जरूरत होगी।