नई दिल्ली। फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए जाने के फैसले पर कि जिनके पास कालाधन है, वे ही परेशान हैं। ईमानदारी की कमाई करने वालेे लोग सरकार के इस निर्णय से काफी खुश हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि इस फैसले का असर राजनीतिक और चुनावी प्रक्रिया पर भी होगा। पॉलिटिकल फंडिंग में भी पारदर्शिता आएगी।
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बस नई करेंसी आने तक की है परेशानी
- जेटली ने कहा कि अभी जो अफरा तफरी मची हुई है वह थोड़े समय के लिए है।
- आने वाले तीन से चार हफ्तों में नई करेंसी (500 और 2000 के नोट) बाजार में आ जाएंगे।
- उन्होंने तत्काल प्रभाव से फैसलेे को सही ठहराते हुए कहा कि अगर नोट बंद करने के लिए समय दिया जाता तो कालाधन रखने वालों को पैसे ठिकाने लगाने का वक्त मिल जाता।
- जेटली के मुताबिक, देश में इस वक्त सर्कुलेट 80 से 85 पर्सेंट नोट 500 और 1000 के थे।
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कालाधन किसी का मौलिक अधिकार नहीं
- सरकार के फैसले का विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि कालाधन किसी का मौलिक अधिकार नहीं है।
- लोगों को नकदी में ज्यादा काम करने की अपनी आदत बदलनी होगी।
- वित्त मंत्री ने कहा कि ऐसे बड़े फैसले अचानक ही लेने पड़ते हैं।
- लोगों को प्लास्टिक मनी और चेक का इस्तेमाल बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के लिए भी यह फैसला लिया गया है।
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देश के हित में लिया गया है यह फैसला
- वित्त मंत्री ने कहा कि यह फैसला देश की अर्थव्यवस्था के हित में है।
- इससे कालाधन और भ्रष्टाचार से निजात मिलेगी।
- साथ ही बैंकिंग व्यवस्था में कैश डिपॉजिट बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
- उन्होंने कहा कि ऑफिशियल ट्रांजेक्शन बढ़ने से इनडायरेक्ट और डायरेक्ट टैक्स भी बढ़ेगा।
- महंगाई दर पर इसका क्या असर होगा, यह देखाा जाना अभी बाकी है।