नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार (7 नवंबर) को वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में अर्थव्यवस्था सहित वित्तीय क्षेत्र के संकट की समीक्षा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद की अध्यक्ष हैं। एफएसडीसी अलग-अलग क्षेत्र के नियामकों का शीर्ष निकाय है।
बैठक के बाद वित्त सचिव राजीव कुमार ने कहा, 'बैठक बहुत रचनात्मक रही और इसमें पूरे वित्तीय व्यवस्था समेत अन्य मामलों का जायजा लिया गया।' वित्तीय क्षेत्र में संकट के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि आरबीआई और अन्य नियामक वित्तीय प्रणाली को समग्र रूप से देख रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार बैठक में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों की समीक्षा की गई है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि घट कर 5 प्रतिशत पर आ गयी, इसका यह छह साल का न्यूनतम स्तर है। बैठक में वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा के साथ वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर भी गौर किया जाएगा। इन विषयों में बैंकिंग और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी क्षेत्र की ताजा चुनौतियां भी शामिल हैं।
आम चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गठित इस नयी सरकार के गठन के बाद एफएसडीसी की यह दूसरी बैठक संपन्न हुई। बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास, सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी, बीमा विनियामक इरडा के चेयरमैन सुभाष चंद्र खुंटिया, भारतीय ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला-प्रक्रिया बोर्ड के चेयरमैन एमएस साहू और पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के प्रमुख रवि मित्तल आदि मौजूद रहे। बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, वित्त सचिव राजीव कुमार, आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे और वित्त मंत्रालय के कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
अटकी आवासीय परियोजनाओं में फंसे घर खरीदारों को बड़ी राहत, 25 हजार करोड़ रुपए के कोष को मंजूरी
सरकार ने अटकी परियोजनाओं में फंसे मकान खरीदारों और रीयल एस्टेट कंपनियों को बुधवार को बड़ी राहत देने की घोषणा की है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 1,600 अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिये 25,000 करोड़ रुपए का कोष स्थापित करने का निर्णय किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।