नई दिल्ली। पूर्ण बजट 2019-20 (Budget 2019-20) से पहले होने वाली परामर्श प्रक्रिया इस सप्ताह शुरू होने वाली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस सिलसिले में 11 जून से 23 जून के बीच अर्थशास्त्रियों, बैंक अधिकारियों, वित्तीय संस्थानों तथा उद्योग मंडलों से मुलाकात करने वाली हैं। सभी राज्यों के वित्त मंत्री भी 20 जून को जीएसटी परिषद की होने वाली बैठक में बजट को लेकर अपने सुझाव दे सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट 5 जुलाई को पेश करने वाली हैं।
उन्हें अपने पहले बजट में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था, बढ़ती गैर-निष्पादित परिसंपत्ति, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की चुनौतियां, रोजगार सृजन, निजी निवेश, निर्यात में सुधार, कृषि संकट तथा सरकारी निवेश में वृद्धि जैसी चुनौतियों पर राजकोषीय स्थिति पर असर डाले बिना काम करना होगा। वित्त मंत्री प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्यों के साथ बैठक कर अर्थव्यवस्था की स्थिति पर उनसे राय लेंगी। इस बैठक के साथ ही बजट पूर्व परामर्श की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस पखवाड़े के दौरान सीतारमण कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों, बैंक तथा वित्तीय संस्थानों और उद्योग मंडलों से मुलाकात कर सकती हैं। वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट पांच जुलाई को पेश होने वाला है। राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय पहले ही उद्योग मंडलों से परामर्श कर चुके हैं।
बैठक में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII)और चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (Ficci) जैसे उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। इनमें FDI और औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री सीतारमण की यह पहली संयुक्त बैठक होगी। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आम लोगों से भी बजट में क्या-क्या नए प्रावधान होने चाहिए, इसके लिए सुझाव मांगे हैं। भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट mygov.in पर सुझाव दिए जा सकते हैं।
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न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बैठक में विदेशी निवेश (FDI) और औद्योगिक उत्पादन बढ़ाने को लेकर चर्चा होने की संभावना है। वित्त मंत्री उत्पादकता बढ़ाने के लिए विलय के मुद्दे पर विचार, घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सेवा श्रेणी का विस्तार और घरेलू उत्पादन एवं निर्यात को बढ़ाने के लिए शुल्क ढांचे में बदलाव पर विचार मांग सकती हैं। बता दें कि अधिकांश उद्योग निकाय पहले ही अपनी मांगें वित्त मंत्रालय को विचार करने के लिए सौंप चुके हैं।
बजट के लिए मांगे सुझाव
5 जुलाई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट संसद के पटल पर रखेंगी। इससे पहले निर्मला सीतारमण सोशल मीडिया के जरिए बजट को लेकर नए आइडिया और सुझाव भी मांग रही हैं। सीतारमण ने हाल ही में ट्वीट कर कहा, 'स्कॉलर्स, इकोनॉमिस्ट्स और कोई भी जिनकी दिलचस्पी हो वो प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के जरिए अपने सुझाव दे सकते हैं, मैं उन्हें पढ़ती हूं और मेरी टीम उन सुझावों को इकट्ठा करेगी, आपका हर सुझाव बहुमूल्य है।'
यहां ऐसे दें सुझाव
पूर्ण बजट के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे गए हैं। आम लोग अपने सुझाव 20 जून तक भेज सकते हैं। इसके लिए mygov.in पर लॉगिन करना होगा। इसमें बजट पर सुझाव वाले लिंक पर क्लिक करना होगा, जिससे नया पेज खुलेगा। उसमें OTP ऑप्शन के जरिए लॉगिन करने का विकल्प है, लेकिन अगर आपका पहले से रजिस्ट्रेशन नहीं है तो फिर पहले लॉगिन करना होगा।
QR कोड से भी रजिस्ट्रेशन
वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन पेज पर QR कोड से रजिस्ट्रेशन करने की भी सुविधा है। SMS से भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
बता दें कि चुनावी वर्ष होने के कारण इस बार फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था। तब वित्त मंत्री अरुण जेटली की सेहत ठीक नहीं थी और इस वजह से पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था। अंतरिम बजट सिर्फ तीन महीने के लिए होता है जिसके बाद चुनाव में जीत हासिल कर बनने वाली अगली सरकार पूरे वित्त वर्ष के लिए आम बजट पेश करती है।
कौन तैयार कर रहा बजट
केंद्रीय बजट बनाने की प्रक्रिया में सीतारमण की बजट टीम में वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन शामिल हैं। आधिकारिक टीम के अगुवा वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग हैं। इसमें वित्त सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, दीपम के सचिव अतनु चक्रवर्ती और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार शामिल हैं।