नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 2021-22 का बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने का बजट है जिसमें, हिसाब-किताब की पारदर्शिता और सामाजिक आर्थिक ढांचे के विकास के साथ-साथ करदाताओं तथा उद्यमशीलता का सम्मान किया गया है। बजट को पूंजीपतियों का बजट बताने वाले विपक्षी दलों पर करारा प्रहार करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह सरकार हर वर्ग के लिये काम कर रही है और सरकार पर साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है।
उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, छोटे और मझोले उद्यमों की सहायता के लिये मुद्रा योजना, सौभाग्य योजना और अन्य तमाम कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कि कहा कि इनका फायदा किसी पूंजीपति की जेब में नहीं जाता है। वित्त मंत्री ने राज्यसभा में 2021-22 के बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह बजट देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये है। ऐसे समय जब दुनिया भर कर अर्थव्यवस्थाएं महामारी से प्रभावित हैं, हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है, जिसका दूसरे क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव (गुणक प्रभाव) पड़े। इसीलिए हमने समाधान के अल्पकालीन उपायों के साथ साथ मध्यम और दीर्घावधि में भरोसेमंद सतत आर्थिक वृद्धि बनाये रखने पर ध्यान दिया है। इससे हम दुनिया में तीव्र आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बनाए रख सकेंगे। ’’ सीतारमण ने कहा कि सरकार गरीबों के लिये सड़क से लेकर कृषि, मकान से लेकर बिजली की सुविधा उपलब्ध करा रही है, इसके बावजूद विपक्ष झूठी कहानी गढ़ रहा है कि सरकार साठगांठ कर पूंजीपतियों के लिये काम कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि विपक्ष मे कुछ लोगों की यह आदत हो गयी है। सरकार कुछ भी करे, भले ही वह साफ तौर पर दिखे कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिये है, फिर भी विपक्ष झूठी कहानी गढ़ता है और कहता है कि सरकार केवल पूंजीतपतियों के लिये काम करती है।’’ उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में आम बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया था कि यह ‘हम दो, हमारे दो’ की सरकार है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी राज्यसभा में आम बजट को ‘निराशाजनक’ करार देते हुए कहा था कि ‘अमीरों का, अमीरों के लिए और अमीरों द्वारा ’ बनाया यह बजट देश की उस एक प्रतिशत आबादी के लिये से लाया गया है जिसके नियंत्रण में देश की 73 प्रतिशत संपदा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.67 करोड़ मकान बनाये गये हैं, सौभाग्य योजना के तहत अकटूबर 2017 से 2.67 घरों में बिजली पहुंचायी गयी। क्या यह सब गरीबों के लिये नहीं है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्रत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2014-15 से 2,11,192 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है, ये सड़के गांवों को जोड़ती हैं। क्या वे गांव अमीरों के हैं?’’ उन्होंने कहा कि जो लोग बिना सोचे-समझे आरोप लगाते हैं, उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी ई-मार्केटप्लेस के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये मूल्य के लेन-देन हुए। इसका फायदा लधु और मझोले उद्यामों को मिला।