नई दिल्ली। देश में आर्थिक सुस्ती के माहौल को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पावर बूस्टर डोज देने में लगी हुई हैं। आज गोवा में होने वाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 37वीं अहम बैठक के पहले वित्त मंत्री ने कंपनियों को टैक्स में बड़ी राहत दी है। कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कॉर्पोरेट टैक्स घटाने के ऐलान के बीच में ही शेयर मार्केट में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 1600 अंक की उछाल के साथ 37,700 के पार कारोबार करता देखा गया।
वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का प्रस्ताव रखा गया है। कार्पोरेट कंपनियों के लिए बिना किसी छूट के इनकम टैक्स 22 प्रतिशत रहेगा। वहीं, सरचार्ज और सेस के साथ टैक्स 25.17 प्रतिशत टैक्स लगेगा। इससे घरेलू और नई कंपनियों को फायदा होगा। साथ ही इनकम टैक्स एक्ट में नया प्रावधान जोड़ा गया है, ये प्रावधान वित्त वर्ष 2019-20 से लागू होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के प्रभाव से आयकर अधिनियम में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जो किसी भी घरेलू कंपनी को इस शर्त पर कि वे कोई इन्सेंटिव या छूट का लाभ नहीं लेंगे, 22 प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान करने की अनुमति देता है। वित्त मंत्री ने कहा कि कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर भी लागू होगी। साथ ही कैपिटल गेन्स पर बढ़ा हुआ सरचार्ज लागू नहीं होगा।
इनकम टैक्स एक्ट में 2019-20 से प्रभावी एक प्रावधान जोड़ा गया है, जिससे 1 अक्टूबर या इसके बाद बनी कोई भी नई घरेलू कंपनी मैन्युफैक्चरिंग में ताजा निवेश करती है तो उस पर 15 फीसदी का इनकम टैक्स लगेगा। इन पर टैक्स की प्रभावी दर 17.01 फीसदी होगी। जो कंपनियां कोई छूट का फायदा नहीं लेंगी, उनके लिए मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) की दर घटाई गई है।
कॉर्पोरेट टैक्स घटाने से सरकार को हर साल 1.45 लाख करोड़ रुपए का होगा नुकसान
वित्त मंत्री ने बताया कि कॉर्पोरेट टैक्स घटाने से सरकार को हर साल 1.45 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा, हम इस बात से वाकिफ हैं कि कर छूट का राजकोषीय घाटे पर प्रभाव पड़ेगा, हम आंकड़ों में सामंजस्य बिठाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि कर छूट से मेक इन इंडिया में निवेश आएगा, रोजगार सृजन और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, इससे राजस्व बढ़ेगा।
लिस्टेड कंपनियां जिन्होंने 5 जुलाई 2019 से पहले बायबैक का एलान किया है उनको बायबैक पर टैक्स नहीं देना होगा। सीएसआर में होने वाले 2 फीसदी खर्च को इनक्यूबेटर्स पर खर्च किया जा सकेगा।
आपको बता दें कि बीते गुरुवार को भी वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों के प्रमुखों के साथ क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ाने के लिए बैठक की थी। इसके बाद उन्होंने एमएसएमई के कोई भी लोन मार्च 2020 तक NPA नहीं घोषित होने का ऐलान किया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि लोन लेने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा आगे आएं, बैंक 400 जिलों में लोन मेला लगाएंगे।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों में सरकार ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने 23 अगस्त को विदेशी पोर्टफोलियो और घरेलू निवेशकों पर लगाया गया सरचार्ज वापस लिया था। इसके बाद 30 अगस्त को 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की गई। पिछले हफ्ते सरकार ने एक्सपोर्ट और रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं।