नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को रीयल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा घर खरीदारों से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने बैठक में नकदी संकट, मांग में कमी तथा रुकी परियोजनाओं को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की। सरकार ने कहा कि वह जल्दी ही रीयल एस्टेट क्षेत्र को प्रभावित कर रही दिक्कतों को दूर करेगी। सीतारमण ने पहली मुलाकात क्षेत्र के दो शीर्ष संगठनों क्रेडाई और नारेडको के साथ की। दूसरी मुलाकात घर खरीदारों के प्रतिनिधियों से की। इसमें उन्होंने रीयल एस्टेट क्षेत्र को प्रभावित कर रही दिक्कतों तथा समाधान पर चर्चा की।
बैठक में आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तथा आर्थिक मामलों, राजस्व, आवास, सीबीडीटी, कॉरपोरेट मामलों तथा रेरा के शीर्ष अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक के बाद पुरी ने मीडिया से कहा कि रीयल एस्टेट उद्योग के साथ बैठक में सार्थक चर्चा हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, कई मामलों को स्पष्ट किया। सरकार इन मुद्दों का आने वाले दिनों में समाधान निकालेगी। उन्होंने कहा कि घर खरीदारों, रुकी परियोजनाओं आदि की जो भी समस्याएं हैं, हम इनका समाधान निकालने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कई घर खरीदारों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और कुछ मामलों में निर्णय भी आये हैं। इस कारण यह बेहद जटिल है। क्षेत्र में जो भी समस्याएं हैं, हम उनका समाधान निकालेंगे।
फोरम फोर पीपुल्स कलेक्टिव एफर्ट्स के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने कहा कि परियोजनाओं में देरी से देश भर में पांच लाख से अधिक उपभोक्ता प्रभावित हैं। उन्होंने इन परियोजनाओं को पूरा करने तथा घर खरीदारों को राहत देने के लिये 10 हजार करोड़ रुपये का एक कोष बनाने की मांग की। जेपी समूह के घर खरीदारों ने वित्त मंत्री को बताया कि प्रवर्तकों के पास इतनी सारी जमीनें तथा यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना जैसी अन्य संपत्तियां होने के बाद भी ये परियोजनाएं पूरी नहीं हो रही हैं।
क्रेडाई के अध्यक्ष सतीश मगर ने कहा कि सरकार ने रीयल एस्टेट उद्योग को प्रभावित कर रहे मुद्दों के बारे में जानने की इच्छा प्रकट की। नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था के साथ ही रीयल एस्टेट क्षेत्र संकट से गुजर रहा है, ऐसे में हम उत्साहित हैं कि वित्त मंत्री ने हमारे साथ बैठक की।