नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) फॉर्म को और सरल बनाने और इसे दाखिल करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेट्स, व्यापारियों और अन्य अंशधारकों के साथ बैठकें की। जीएसटी दाखिल करने में आ रही परेशानियों को दर्शाने के लिए अंशधारकों ने बैठक के दौरान ही तत्काल आधार पर रिटर्न दाखिल करके दिखाया और बताया कि उन्हें किस तरह की दिक्कतें आती हैं।
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि वित्त मंत्री ने अंशधारकों को आश्वस्त किया कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सुगम करने के लिए उन्होंने जो सुझाव दिए हैं उनका जल्द क्रियान्वयन किया जाएगा। राजस्व सचिव ने बताया कि वित्त मंत्री ने अगले महीने देश के अन्य शहरों में भी इस तरह की बैठकें आयोजित करने का सुझाव दिया है जिससे इस मुद्दे को समझा जा सके और जीएसटी दाखिल करने वाली चिंताओं को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि एक सर्किल के आयुक्त कुछ जीएसटी दाखिल करने वालों को बुलाएंगे, जो रिटर्न दाखिल करेंगे और सुझाव देंगे।
इसके अलावा यह भी निर्णय किया गया है कि जीएसटीएन और सीबीआईएसी सात दिसंबर के बाद मिलते रहेंगे और लगातार चर्चा करेंगे। इसमें प्रणाली में लगातार चर्चा से और सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नया जीएसटी रिटर्न फार्म पोर्टल पर परीक्षण के लिए उपलब्ध होगा और सात दिसंबर को देशभर में इस पर विचार विमर्श किया जाएगा। इसके जरिये नयी प्रणाली पर प्रतिक्रिया ली जाएगी। पांडेय ने कहा कि इसमें अब तक स्वैच्छिक आधार पर 85,000 रिटर्न दाखिल किए गए हैं, जबकि नया फॉर्म एक अप्रैल, 2020 से अनिवार्य होना है।
जीएसटी फार्म भरने की प्रक्रिया में आने वाली चिंताओं को दूर करने के प्रयास के तहत वित्त मंत्री ने राजस्थान कर सलाहकार एसोसियेसंस, आईसीएआई, कैट और लघु उद्योग भारती को आमंत्रित किया था। उन्होंने वित्त मंत्री के समक्ष ही कुछ खास रिटर्न को दाखिल करने का प्रयास किया और उसमें आने वाली समस्या को स्पष्ट किया। इस बैठक में सीबीआईसी के चेयरमैन, जीएसटीएन के सीईओ, सदस्य (कर नीति) सीबीआईसी, एएस (राजस्व) संयुक्त सचिव (राजस्व) आदि मौजूद थे।