नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के मेगा मर्जर प्लान के दूसरे चरण को आगे बढ़ाते हुए कई बड़े फैसले लिए। बैंकों के विलय को लेकर अब सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई है। बड़े बैंक अब अपना लक्ष्य रखेंगे global मार्केट पर, मँझले बैंक बनेंगे राष्ट्रीय स्तर के और कुछ बैंक स्थानीय नेतृत्व करेंगे। बैंकों के मेगा मर्जर को लेकर वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए।
जानिए किस बैंक का किस बैंक में हुआ विलय
- वित्त मंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉर्मस, यूनाइटेड बैंक के विलय की घोषणा की। PNB के साथ ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का विलय होने के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा जिसका कारोबार 18 लाख करोड़ रुपए होगा और देश में इसका दूसरा सबसे बड़ा ब्रांच नेटवर्क होगा।
- केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय होने के बाद यह देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जिसका कुल कारोबार 15.2 लाख करोड़ रुपए होगा और इस बैंक का देश में तीसरा सबसे बड़ा ब्रांच नेटवर्क होगा। दोनो बैंकों के मिलाकर देशभर में लगभग 90 हजार कर्मचारी होंगे।
- यूनियन बैंक के साथ आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का विलय होने जा रहा है। इस विलय के बाद जो बैंक बनेगा वह देश का पांचवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। बनने वाले बैंक का कुल कारोबार 14.6 लाख करोड़ रुपए का होगा और इसका देशभर में चौथा सबसे बड़ा ब्रांच नेटवर्क होगा, देशभर में इस बैंक की कुल 9609 शाखाएं होंगी।
- इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक का विलय होने जा रहा है और इस विलय के बाद यह देश का सातवां सबसे बड़ा बैंक होगा जिसका कुल कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपए होगा। विलय के बाद बनने वाले बैंक की देशभर में कुल 6104 शाखाएं होंगी और कर्मचारियों की संख्या 42814 होगी।
- बैंकों का फंसा कर्ज यानी एनपीए (मार्च 2018 से मार्च 2019) 8.96 लाख करोड़ से घटकर 7.90 लाख करोड़ रह गया है। सरकारी बैंकों का मुफाना लगातार बढ़ रहा है। मार्च में खत्म तिमाही के दौरान सिर्फ 6 सरकारी बैंक मुनाफे में थे जबकि जून में खत्म तिमाही के दौरान 14 सरकारी बैंक मुनाफे में आए।
- पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए देश में बैंकों की अहम भूमिका होगी। देश में ऐसे बैंक चाहिए जिनकी कर्ज देने की क्षमता ज्यादा हो।
- वित्त मंत्री ने बताया कि 18 पब्लिक सेक्टर बैंकों में से 14 प्रॉफिट में हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों को चीफ रिस्क ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगा, उनका पास बैंकों को निर्णय की समीक्षा की शक्ति होगी।