नई दिल्ली। 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार चौथे दिन आज यानी शनिवार को भी शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज फिर अलग-अलग सेक्टरों को राहत दे सकती हैं। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की यह चौथी किस्त होगी। बता दें कि, वित्त मंत्री ने शुक्रवार (15 मई) को खेती और इससे जुड़ी गतिविधियों को लेकर 11 अहम कदमों के ऐलान किए थे। आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की तीसरी किस्त में शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि क्षेत्र की बेहतरी के लिये 1.63 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न उपायों की घोषणा की। इससे पहले वह एमएसएमई सेक्टर, टैक्सपेयर्स, सैलरीड क्लास, फेरीवाले और प्रवासी मजदूरों के लिए अहम घोषणाएं कर चुकी हैं।
कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच लगातार वित्त मंत्री लगातार अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए बड़े ऐलान कर रही हैं। शुक्रवार को निर्मला सीतारमण ने किसान को बड़ी राहत दी। इस दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए गए, इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रा से जुड़े थे जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म के थे। सरकार ने कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। इस दौरान एक अहम फैसला आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बदलाव को लेकर लिया गया, अब इस अधिनियम से अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को मुक्त किया जाएगा।
गुरुवार (14 मई) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़े 9 बड़े ऐलान किए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा। इसी तरह, शिशु लोन पर छूट, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन बढ़ा दी गई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते बुधवार (13 मई) को पहले चरण में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को मजबूती देने के लिए करीब 6 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज में से एक बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार (MSME) को दिया गया। वहीं सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार की परिभाषा में भी बदलाव कर दिया है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, एमएफआई को 30,000 करोड़ की नकदी सुविधा दी गई है। इसी तरह, बिजली वितरण कंपनियों पर 94,000 करोड़ रुपये का बकाया है और उनको 90,000 करोड़ का बेल आउट दिया गया है।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में (12 मई 2020, मंगलवार रात 8 बजे) देश के नाम अपने संबोधन में कोरोना वायरस से शिथिल पड़ी अर्थव्यवस्था में जान फुंकने के लिए कुल 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की थी। यह राशि देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत के करीब बैठती है। इसमें उस सहायता पैकेज की 1.70 लाख करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है जिसकी घोषणा 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू करने के कुछ ही दिन में कर दी गई थी। इसके बाद रिजर्व बैंक ने भी विभिन्न मौद्रिक उपायों के जरिये करीब 5.6 लाख करोड़ रुपये के मौद्रिक प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की।