नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुस्ती बढ़ने की चर्चा के बीच गुरुवार को कहा कि स्थिति सुधर रही है, चीजें आगे बढ़ रही हैं। त्योहारी मौसम में खपत बढ़ने के साथ दूसरी छमाही में आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई है कि खपत बढ़ने और बैंकों की ऋण गतिविधियां तेज होने से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात के बाद वित्त मंत्री ने गुरुवार को निजी क्षेत्र के बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के साथ बैठक की।
सीतारमण ने निजी क्षेत्र के बैंकरों, वित्तीय संस्थानों के साथ यहां हुई बैठक के बाद कहा, 'मैंने किसी से नकदी की समस्या होने के बारे में नहीं सुना है।' अर्थव्यवस्था में सुस्ती के लिए बाजार में नकदी की तंगी को बड़ी अड़चन माना जा रहा है। वित्त मंत्री ने निजी क्षेत्र के बैंकरों के हवाले से कहा कि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में गिरावट चक्रीय है। धारणा की वजह से यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है। उन्होंने कहा कि सस्ते मकानों की योजना के लिए ऋण की अच्छी मांग है। बैंकरों ने इसकी सीमा 45 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने की मांग की है।
सीतारमण ने कहा कि वे (बैंक) नकदी की समस्या का सामना नहीं कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि कर्ज के लिए अच्छी खासी मांग है। वित्त मंत्री ने कहा, 'कुल मिलाकर, यह बैठक अच्छी और मजबूती देने वाली रही, जिसमें मैंने अच्छी और सकारात्मक चीजें सुनीं।' उन्होंने कहा कि 'मुझे संदेश मिला है कि खपत बढ़ रही है।' सीतारमण ने संकेत दिया कि आर्थिक सुस्ती लगता है कि अब समाप्ति पर है और आगामी त्योहारी मौसम से अर्थव्यवस्था में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
वहीं पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक यानी पीएमसी मामले को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि अभी भारतीय रिजर्व बैंक इस मामले को देख रहा है। 60 फीसदी से ज्यादा बैंक के ग्राहकों को राहत दी गई है। आरबीआई अभी बेहतर तरीके से इसे संभाल रहा है। आगे जरूरत पड़ेगी तभी सरकार दखल देगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि निजी बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों ने उन्हें बताया कि वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में गिरावट 'चक्रीय' कारणों से है और अगली एक या दो तिमाहियों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है। यात्री वाहन क्षेत्र में सुस्ती को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें खरीदारों में बनी धारणा से यात्री वाहनों की बिक्री कम हुई है, भविष्य में इसमें सुधार होगा।
बैठक के बाद वित्त सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि ऋण देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देशभर के 400 जिलों में ऋण वितरण कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इसके तहत 250 जिलों में पहले चरण का अभियान तीन से सात अक्टूबर 2019 तक आयोजित होगा। निजी क्षेत्र के बैंकों को भी इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया गया है।
बैठक के दौरान, बैंकों एवं एनबीएफसी कंपनियों ने कहा कि सस्ते मकानों की योजना के लिए ऋण की अच्छी मांग है। साथ ही इसकी सीमा को 45 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने का सुझाव दिया गया है। बैठक में मौजूद जाने-माने बैंकर उदय कोटक ने कहा कि कॉरपोरेट कर में कटौती से निजी निवेश बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अधिकांश बैंक एक अक्टूबर से बाहरी बेंचमार्क आधारित ब्याज दर का अनुसरण करेंगे।
जीएसटी में ऑनलाइन रिफंड शुरू
अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की तकनीकी प्रणाली संभालने वाले जीएसटी नेटवर्क ने गुरुवार से ऑनलाइन रिफंड की शुरुआत कर दी। जीएसटी परिषद ने कंपनियों के रिफंड की इस व्यवस्था को मंजूरी दी थी। ऑनलाइन रिफंड की शुरुआत के साथ करदाता अब ऑनलाइन रिफंड एप्लीकेशन आसानी से दाखिल कर सकते हैं।