नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों (पीएसबी) को मिलाकर चार बैंक बनाने की घोषणा की है। इसमें ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मिला दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, केनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय किया जाएगा, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक को मिलाकर एक बैंक बनाया जाएगा। वित्त मंत्री ने 1971 के बैंकों के राष्ट्रीयकरण के बाद से सबसे बड़ी बैंकिंग सुधार की घोषणा की है। इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 12 हो गई है।
साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी बैंकों के विलय से बैंक कर्मचारियों की कोई छंटनी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि विलय से छंटनी की आशंका नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकारी बैंकों में 'मुख्य जोखिम अधिकारी' नियुक्त किए जाएंगे।
इसी प्रकार से, इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक को मिलाकर एक बैंक का गठन किया जाएगा। वित्तमंत्री ने आगे कहा कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंटल बैंक ऑफ इंडिया बरकरार रहेंगे। इस विलय प्रक्रिया के बाद देश में केवल 12 सरकारी बैंक बचेंगे, जबकि अब तक इनकी संख्या 27 थी। इस विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा, जिसका कुल कारोबार 17.5 लाख करोड़ रुपये का होगा। वहीं, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक को मिलाकर बनाया गया बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा, जिसका कुल कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपये होगा।
जानिए किस बैंक में कितनी पूंजी डालेगी सरकार
- सरकार ने सरकारी बैंक के लिए बूस्टर डोज दी है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बैंकों में पूंजी डालेगी।
- सरकार पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 16,000 करोड़ रुपये डालेगी।
- इंडियन ओवरसीज बैंक में सरकार 3800 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी।
- यूको बैंक बैंक में सरकार 2100 करोड़ रुपये डालेगी।
- यूनाइटेड बैंक में सरकार 1600 करोड़ रुपये पूंजी डालेगी।
- बैंक ऑफ बड़ौदा में सरकार 7,000 करोड़ रुपये का फंड डालेगी।
- केनरा बैंक में 6,500 करोड़ रुपए में निवेश करेगी सरकार।
- यूनियन बैंक में 11,700 करोड़ रुपए का निवेश करेगी सरकार।