नयी दिल्ली। उत्पाद शुल्क लगाए जाने के खिलाफ ज्वैलर्स की हड़ताल के चौथे सप्ताह में प्रवेश करने के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिये आगे बढ़कर मदद करने को तैयार है कि छोटे ज्वैलर्स को अधिकारियों द्वारा परेशान नहीं किया। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि विलासिता के कीमती उत्पादों को कर लगाये बिना नहीं छोड़ा जा सकता।
जेटली ने आज यहां कहा कि सोना व अन्य आभूषण उत्पाद व सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली का हिस्सा होंगे। सोने के आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क भी इसमें समाहित हो जायेगा। ऐसी परिस्थिति नहीं हो सकती कि जरूरी सामान पर कर लगाया जाए जबकि सोने जैसे विलासिता वाली वस्तुओं को छोड़ दिया जाए। जेटली ने कहा, किसी भी लग्जरी सामान को कर का अपना हिस्सा देना होगा। इसलिए अगर प्रक्रियात्मक संबंधी परेशानी को लेकर उनका कोई सुझाव है तो मैं उसे सरल बनाने के लिए उसे स्वीकारने को तैयार हूं ताकि किसी तरह की परेशानी नहीं हो .. मैं इसके लिये एक कदम आगे बढ़कर काम करने को तैयार हूं। लेकिन भारत में ऐसी स्थिति नहीं हो सकती कि लग्जरी उत्पादों को बिना कर लगाए छोड़ दिया जाए।
उल्लेखनीय है कि जेटली ने आम बजट में आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया था जिस पर ज्वैलर्स से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली जो कि इसके विरोध में 26 दिन से हड़ताल पर हैं। आभूषण उद्योग उत्पाद शुल्क को वापस लेने की मंाग कर रहा है।
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