ओसाका (जापान)। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बहुप्रतीक्षित नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को अगले साल से लागू करने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक राज्यसभा में अगले सत्र में लाया जाएगा और इससे संबंधित सभी सहायक कानून इस साल के अंत तक पारित करा लिए जाएंगे। वित्त मंत्री ने सीआईआई और डीआईपीपी द्वारा आयोजित निवेश संवद्र्धन संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, मेरा इरादा संसद के अगले महीने शुरू हो रहे अगले सत्र में राज्यसभा में संविधान संशोधन विधेयक लाने का है। मुझे ठीक-ठीक उम्मीद है कि यह पारित हो जाएगा।
जेटली ने कहा कि राज्यसभा में संख्याबल काफी हद तक जीएसटी के पक्ष में हैं। केंद्र और राज्यों में लागू विभिन्न अप्रत्यक्ष कारों की जगह एक ही कर लागू करने के लिए प्रस्तावित जीएसटी विधेयक को लोक सभा की मंजूरी मिल चूकी है पर राज्य सभा में सरकार का बहुमत नहीं होने के कारण यह वहां अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन को मंजूरी के बाद तीन कानूनों को पारित करने की जरूरत होगी। इनमें से दो केंद्र सरकार द्वारा तथा एक राज्य विधानसभाओं में पारित किया जाना है। जेटली ने कहा, यह मानते हुए कि जीएसटी मानसून सत्र में संसद में पारित हो जाता है, तो साल के अंत तक उन तीनों कानूनों का मसौदा तैयार करना होगा और उन्हें जीएसटी परिषद से मंजूर करना होगा।
संसद द्वारा जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने के बाद इसे आधे से अधिक राज्यों की विधायिकाओं में अनुमोदित करना होगा। उसके बाद संसद को एक और विधेयक पारित करने की जरूरत होगी, जिससे वस्तु एवं सेवा कर को क्रियान्वित किया जा सके। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर कुल मिला कर जीएसटी दरें अलग अलग होंगी और उन्हें नवगठित जीएसटी परिषद द्वारा तय किया जाएगा। जेटली अपनी छह दिन की जापान यात्रा के दूसरे चरण में कल यहां पहुंचे। उन्होंने कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन के लिए आईटी ढांचे की जरूरत होगी। इस दिशा में काफी प्रगति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि जीएसटी विधेयक के तहत कर की दर जीएसटी परिषद द्वारा तय की जाएगी। परिषद में केंद्र और राज्य सरकारें शामिल होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी से कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी।