नई दिल्ली। MSME सेक्टर को राहत के लिए वित्त मंत्री ने आज कई कदमों का ऐलान किया है। इसमें आसान शर्तों पर 3 लाख करोड़ रुपये कर्ज भी शामिल हैं। वित्त मंत्री के मुताबिक बिना गारंटी के ये कर्ज 4 साल के लिए होंगे जिसमें 4 महीने का मॉरटोरियम या कर्ज स्थगन भी रहेगा। कर्ज पर 100 फीसदी क्रेडिट गारंटी कवर रहेगा। इस स्कीम का फायदा 31 अक्टूबर तक लिया जा सकेगा। वित्त मंत्री के मुताबिक इससे 45 लाख छोटे उद्योगों को फायदा मिलेगा।
संकट में घिरे हुए MSME यूनिट्स की मदद के लिए वित्त मंत्री ने 20 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान का ऐलान किया है। इसमें कर्ज और नकदी संकट से जूझ रही MSME को संकट से निकलने के लिए सहायता दी जाएगी
बेहतर प्रदर्शन करने वाले छोटे उद्योगों को विस्तार के लिए फंड ऑफ फंड्स का प्रावधान किया है। इसमें उद्योगों में 50 हजार करोड़ रुपये की इक्विटी डाली जाएगी। जिससे इन उद्योगों को विस्तार में मदद मिलेगी।
सरकार ने MSME की परिभाषा में भी बदलाव किया है, जिससे सेक्टर को मदद मिलेगी। सरकार ने MSME सेक्टर के लिए ऊपरी सीमा को बढ़ा दिया है। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और सर्विस सेक्टर में माइक्रो उद्योगों के लिए निवेश की ऊपरी सीमा 1 करोड़ रुपये और कारोबार की सीमा 5 करोड़ रुपये की गई है। वहीं छोटे उद्योगों के लिए निवेश की ऊपरी सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये और कारोबार की सीमा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये और मध्यम उद्योगों के लिए निवेश की ऊपरी सीमा बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये और कारोबार की सीमा बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये की गई है। वित्त मंत्री के मुताबिक सीमा बढ़ने से विस्तार से हिचक करे MSME सेक्टर अब ज्यादा भरोसे के साथ विस्तार कर सकेंगे और उन्हें MSME सेक्टर के फायदे भी मिलते रहेंगे।
स्थानीय उद्योगों को सहारा देने के लिए विशेष कदम का ऐलान किया गया है। इसमें 200 करोड़ रुपये से कम के टेंडर ग्लोबल नहीं होंगे । वित्त मंत्री के मुताबिक इस कदम से घरेलू MSME सेक्टर को बेहतर और ज्यादा मौके मिल सकेंगे।
सरकारी कंपनियों में MSME कंपनियों के बकाया बिल का भुगतान 45 दिन में करने का निर्देश दिया गया है साथ ही कोरोना संकट से निपटने के लिए ऑनलाइन पोर्टल के जरिए सेल्स बढ़ाने के लिए कदम उठाया गया है। वहीं आने वाले समय में MSME सेक्टर के लिए व्यापार मेले जैसे आयोजनों के जरिए नए अवसर तैयार करने में मदद की जाएगी।