Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3 में कृषि के लिए 11 ऐलान, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिफॉर्म के लिए कदम

आत्मनिर्भर भारत पैकेज-3 में कृषि के लिए 11 ऐलान, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिफॉर्म के लिए कदम

पैकेज के तीसरे हिस्से में 1.6 लाख करोड़ रुपये मूल्य से ज्यादा की योजनाओं का ऐलान

Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: May 15, 2020 20:54 IST
Finance Minister- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

Finance Minister

नई दिल्ली। आज जारी हुए आत्मनिर्भर भारत पैकेज का तीसरा हिस्सा कृषि और उससे जुड़े सेक्टर पर केंद्रित रहा। आज वित्त मंत्री ने क्षेत्र के लिए कुल 11 ऐलान किए जिसमें से 8 ऐलान बुनियादी ढांचे यानि इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए हैं वहीं 3 ऐलान क्षेत्र में कामकाज से जुड़े सुधारों के लिए किए गए हैं। सरकार के मुताबिक इन कदमों से किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। साथ ही क्षेत्र में काम कर रहे कारोबारियों के लिए भी काम करने में पहले से ज्यादा आसानी होगी। आज के ऐलान में एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर, खाद्य पदार्थ के कारोबार में शामिल छोटे कारोबारी, मछली उत्पादन, पशु चिकित्सा, जड़ी बूटी और औषधीय पौधों की पैदावार, मधुमक्खी पालन, फल सब्जियों, और सेक्टर से जुड़े सुधार जैसे विषय शामिल हैं।

खेती के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फंड

कटाई के बाद फसलों के बेहतर भंडारण और प्रबंधन के लिए सरकार ने खेती के इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत बनाने का निर्णय लिया है इसके तहत सरकार ने आज 1 लाख करोड़ रुपये के एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का ऐलान किया। इस फंड की मदद से कोल्ड स्टोरेज, आधुनिक गोदाम जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओ को फाइनेंस किया जाएगा।

माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (MFE) के लिए 10 हजार करोड़

असंगठित क्षेत्र के MFE के लिए वित्त मंत्री ने आज 10 हजार करोड़ रुपये की योजना का ऐलान किया है। वित्त मंत्री के मुताबिक इस योजना के तहत कारोबारियों को तकनीकी रूप से उन्नत बनाया जाएगा जिससे वो FSSAI के मानकों को पूरा कर सकेंगे, साथ ही इनके ब्रैंड और मार्केटिंग में भी मदद की जाएगी जिससे कारोबारियों को नए मौके मिलेंगे। इस योजना से 2 लाख MFE को फायदा मिलेगा। योजना में क्लस्टर आधारित उद्योगों पर फोकस किया जाएगा जिसमें किसी एक जगह के विशेष उत्पाद में लगे छोटे कारोबारियों को फायदा मिलेगा।  

मछली उद्योग के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान

मछली उद्योग में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और उद्योग की मदद के लिए आज 20 हजार करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया गया है। इसमें से 11 हजार करोड़ रुपये मछली पालन और एक्वाकल्चर को बढ़ावा देने में खर्च होंगे वहीं 9 हजार करोड़ रुपये का इस्तेमाल फिशिंग हार्बर, कोल्ड चेन और बाजारों के विकास में किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि अगले 5 साल में 70 लाख टन का अतिरिक्त मछली उत्पादन होगा वहीं एक्सपोर्ट भी दोगुना हो जाएगा। इसके साथ ही सेक्टर में 55 लाख को रोजगार मिलेगा।

पशुपालन के लिए 28 हजार करोड़ रुपये की योजना

देश के पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए सभी पालतू पशुओं के टीकाकरण अभियान में तेजी लाने का ऐलान किया गया है। बीमारियों से बचाने के लिए 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण के लिए 13343 करोड़ रुपये की योजना है।

पशुपालन के लिए बुनियादी ढांचे यानि इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया गया है। योजना के तहत डेयरी उत्पादन में निजी भागेदारी बढ़ाने की कोशिश की जाएगी जिससे सेक्टर से जुड़े सभी पक्षों को फायदा मिलेगा।

ज़ड़ी बूटी और औषधीय पैदावार के लिए 4 हजार करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने आज जड़ी बूटी और औषधीय पौधों की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए 4 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। योजना के मुताबिक नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड अगले 2 साल में जड़ी बूटी उत्पादन की पैदावार का क्षेत्र 10 लाख हेक्टेयर में बढ़ाएगा। इसके साथ ही गंगा के तटों पर 800 हेक्टेयर में औषधीय पौधों के उगाने की भी योजना है। इससे क्षेत्र में लगे किसानों को नए अवसर मिलेंगे।

मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये

वित्त मंत्री ने आज के पैकेज में मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस रकम का इस्तेमाल शहद की मार्केटिंग, कलेक्शन, स्टोरेज और वैल्यू एडिशन सुविधाओं के लिए किया जाएगा। वित्त मंत्री के मुताबिक इस योजना से 2 लाख मधुमक्खी पालकों को फायदा मिलेगा।

ऑपरेशन ग्रीन के लिए 500 करोड़, दायरा भी बढ़ा

तेजी से खराब होने वाली फल सब्जियों से होने वाले नुकसान से किसानों को बचाने के लिए सरकार ने ऑपरेशन ग्रीन का दायरा बढ़ा कर सभी फल और सब्जियों को इसमें शामिल कर लिया है। फिलहाल इसमें टमाटर प्याज और आलू शामिल हैं। वित्त मंत्री के मुताबिक सप्लाई चेन में मुश्किलों की वजह किसानों के फल सब्जियों में काफी नुकसान हो रहा था, इसलिए योजना का दायरा बढ़ाया गया है। योजना के मुताबिक सरप्लस क्षेत्र से किल्लत वाली जगहों के लिए फल सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन में 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी वहीं कोल्ड स्टोरेज सहित अन्य भंडारण में भी 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी। योजना 6 महीने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

कृषि क्षेत्र के लिए सुधार

आज के राहत पैकेज में वित्त मंत्री ने कृषि और सहयोगी क्षेत्रों के लिए सुधार के 3  कदमों का ऐलान किया है। पहले कदम के तहत आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव कर कई कमोडिटी को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट से बाहर किया गया है, जिससे किसानों को इनके बाजार मूल्य मिल सकेंगे। वहीं स्टॉक लिमिट में भी राहत दी गई है, जिससे सेक्टर में कार्यरत कारोबारियों को फायदा होगा।

दूसरे कदम में बेहतर मार्केटिंग के लिए रिफॉर्म किया गया है। इसमें केंद्र एक नियम लाएगा जिसमें किसानों को जहां अच्छी कीमत मिले वहां उत्पाद बेचने का विकल्प मिलेगा साथ ही राज्यो को बीच सुविधाजनक कारोबार का रास्ता खुलेगा । वहीं कृषि उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री का फ्रेमवर्क भी तैयार किया जाएगा

तीसरे कदम में किसानों के हित के लिए एक कानूनी फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा। इसकी मदद से सौदो में पारदर्शिता रखी जाएगी और किसानों के लिए जोखिम कम होगा साथ ही उन्हें फसल और उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement