चेन्नई। भारतीय निर्यातक संगठनों का महासंघ (FIEO) ने कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र के लिए एकसमान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर के लिए राज्य सरकारों से समर्थन मांगा है। इसका कारण इन उद्योगों के रोजगार अवसर सृजित कर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना है। FIEO के दक्षिणी क्षेत्र के क्षेत्रीय चेयरमैन ए शक्तिवेल ने बयान में कहा कि निर्यात क्षेत्र विशेषकर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित कर राज्यों के विकास में उल्लेखनीय योगदान देता है। इसीलिए निर्यातकों की आशंका पर गौर करने की जरूरत है।
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हाल ही में शक्तिवेल तथा FIEO के अध्यक्ष एम रफीक अहमद की अगुवाई में मत्स्यन मंत्री डी जयकुमार से मुलाकात कर जीएसटी संबंधित मुद्दों पर सरकार का समर्थन मांगा। जयकुमार के हवाले से एक बयान में कहा कि सरकार व्यापारियों का समर्थन करेगी और आश्वस्त किया कि वह जीएसटी परिषद की आगामी बैठक में उनकी चिंताओं को उठाएंगे। कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र में करीब 12 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।
निर्यातकों व आयातकों को एक जुलाई से GSTIN बताना होगा
निर्यातकों व आयातकों को एक जुलाई से विदेश व्यापार करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर पहचान संख्या (GSTIN) की घोषणा करनी होगी। सरकार इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। GSTIN 15 अंकों की संख्या होती है जिसे जीएसटी नेटवर्क जारी करता है। राजस्व विभाग ने इस बारे में परिपत्र जारी किया है।
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इसमें कहा गया है कि आयात पर आईजीएसटी क्रेडिट या निर्यात पर जीएसटी रिफंड के लिए एक जुलाई 2017 से सीमा शुल्क दस्तावेजों में GSTIN का उल्लेख अनिवार्य होगा। जीएसटी का कार्यान्वयन एक जुलाई से होने की संभावना है। जीएसटीएन पोर्टल पर करदाताओं के नामांकन की प्रक्रिया को 30 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था। यह एक जून से 15 दिन के लिए फिर शुरू होगी।