नई दिल्ली। उद्योग मंडल फिक्की ने न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति की उन सिफारिशों का स्वागत किया जिसमें उसने देश में देश सट्टेबाजी को वैध बनाने की वकालत की है। फिक्की का कहना है कि सट्टेबाजी से अर्जित धन का इस्तेमाल अन्य खेलों के लिए बुनियादी ढांचा बनाने आदि में किया जा सकता है। फिक्की ने एक बयान में कहा है, ‘ब्रिटेन और चीन जैसे देशों में खेल सट्टेबाजी से अर्जित धन का इस्तेमाल खेलों के फाइनेंसिंग आदि में किया जाता है।’ गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त लोढ़ा समिति ने सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने की वकालत की है।
सट्टेबाजी को मिले मान्यता, खिलाड़ी करें संपत्ति का खुलासा
जस्टिस लोढ़ा ने कहा, “समिति बीसीसीआई की स्वायत्ता पर कोई आंच नहीं आने देना चाहती है लेकिन बोर्ड में सुधार की जरूरत है। बीसीसीआई को आरटीआई एक्ट के अंदर आना चाहिए। वर्तमान में बोर्ड सोसायटीज एक्ट के तहत आता है जो सरकार के प्रति जवाबदेही नहीं है। साथ ही बोर्ड खेल मंत्रालय से किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं लेता है।” समिति मानती है कि खिलाड़ियों और अधिकारियों को सट्टेबाजी में संलिप्त नहीं होना चाहिए, लेकिन उन्हें अपनी संपत्ति का खुलासा करना चाहिए। समिति का सुझाव है कि कुछ शर्तों के साथ सट्टेबाजी को मान्यता दे दी जानी चाहिए।
प्रतिभाशाली स्पॉटिंग समिति भी होनी चाहिए
समिति के अन्य सुझावों में वरिष्ठ चयन समिति में चेयरमैन को कम से कम एक मैच खेलने का अनुभव होना चाहिए। साथ ही एक प्रतिभाशाली स्पॉटिंग समिति भी होनी चाहिए। उसके अनुसार क्रिकेट से जुड़े मसलों को क्रिकेटरों के जरिए सुलझाया जाना चाहिए जबकि अन्य मुद्दे सीईओ और टीम के 6 पेशेवर मैनेजरों और 2 समितियों द्वारा निपटाए जाएं।