नई दिल्ली। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिये नियुक्तियों का परिदृश्य भले ही सुस्त हो लेकिन यह क्षेत्र जुलाई-सितंबर तिमाही में सुधार की राह पर अग्रसर है। एक सर्वेक्षण में इसकी जानकारी मिली। उद्योग संगठन फिक्की के द्वारा जारी विनिर्माण क्षेत्र के हालिया तिमाही सर्वेक्षण के अनुसार, अधिक उत्पादन की बात कहने वाले प्रतिभागियों का प्रतिशत बेहतर हुआ है। इससे पता चलता है कि एक तिमाही पहले की तुलना में सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र सुधार की ओर अग्रसर है। सर्वेक्षण के अनुसार, जून तिमाही में 10 प्रतिशत प्रतिभागियों ने अधिक उत्पादन की बात की थी। सितंबर तिमाही में इनका प्रतिशत बढ़कर 24 हो गया। इनके साथ ही कम या पिछले स्तर पर ही उत्पादन की बात कहने वाले प्रतिभागियों का प्रतिशत इस दौरान 90 प्रतिशत से कम होकर 74 प्रतिशत पर आ गया। विनिर्माण क्षेत्र में नियुक्तियों का परिदृश्य इस दौरान कुछ सुधरा है, लेकिन यह अभी भी सुस्त बना हुआ है। सर्वेक्षण में शामिल 80 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा है कि वे अगले तीन महीने तक अतिरिक्त लोगों को काम पर नहीं रखने वाले हैं।
वहीं इससे पहले इनवेस्टमेंट बैंक बार्कलेज ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए साल 2021-22 का ग्रोथ अनुमान बढ़ाकर 8.5 फीसदी कर दिया, जो कि पहले 7 फीसदी था। बार्कलेज के मुताबिक घरेलू अर्थव्यवस्था अनुमानों के मुकाबले ज्यादा तेजी के साथ सामान्य हो रही है। वहीं बार्कलेज ने दूसरी तिमाही में 8.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है, जो कि रिजर्व बैंक के अनुमानों के करीब ही है। पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक ने अनुमान दिया था कि दूसरी तिमाही में जीडीपी 8.6 फीसदी की गिरावट दर्ज कर सकती है। वहीं बार्कलेज ने अनुमान दिया है कि घरेलू अर्थव्यवस्था में तीसरी तिमाही से बढ़त देखने को मिलेगी। वहीं रिजर्व बैंक का अनुमान है कि अर्थव्यवस्था में चौथी तिमाही से बढ़त दर्ज होगी। पिछले महीने ही रॉयटर्स के द्वारा अर्थशास्त्रियों के बीच कराए गए एक सर्वे के मुताबिक इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था तेज गिरावट दर्ज करने के बाद अगले वित्त वर्ष में 9 फीसदी की तेज ग्रोथ दर्ज कर सकती है।