नई दिल्ली। केंद्र गैर-यूरिया उर्वरकों के दाम में 5,000 रुपए प्रति टन तक की कटौती के उसके निर्णय को लागू नहीं करने वाली उर्वरक कंपनियों, खुदरा विक्रेताओं तथा डीलरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकारों को पत्र लिखेगा।
इस महीने की शुरुआत में सरकार ने कच्चे माल के वैश्विक मूल्य में गिरावट को देखते हुए डीएपी समेत गैर-यूरिया उर्वरकों की खुदरा कीमतों में 5,000 रुपए टन तक कटौती की घोषणा की थी। हालांकि सरकार ने कहा कि कुछ कंपनियां इस निर्णय को लागू नहीं कर रही हैं। डीएपी, एमओपी तथा एनपीके जैसे गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतों के बारे में सूचना प्रसारण मंत्री वैंकैया नायडू की अध्यक्षता में हुई बैठक में चर्चा की गई। बैठक में उर्वरक मंत्री अनंत कुमार तथा कृषि राज्यमंत्री पुरषोत्तम रुपाला मौजूद थे।
कुमार ने कहा कि डीएपी, एमओपी तथा एनपीके अधिकतम खुदरा मूल्य में चार जुलाई को कटौती की गई। उन्होंने कहा, गैर-यूरिया उर्वरकों की कीमतों में कटौती की घोषणा की गई। कुछ कंपनियां खासकर खुदरा विक्रेता तथा डीलर स्तर पर इसे लागू नहीं किया जा रहा है। कुमार ने कहा, हम राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहेंगे कि उर्वरक एक अनिवार्य जिंस है और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए कि किसानों को मौजूदा खरीफ मौसम में गैर-यूरिया उर्वरक घटी हुई कीमत पर मिले।
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