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पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर बढ़ गई है चिंता, विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है तेजी से

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर नए सिरे से आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक सरकार ने चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल का वचन दिया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: June 13, 2018 14:21 IST
pakistan- India TV Paisa
Photo:PAKISTAN

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इस्‍लामाबाद। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को लेकर नए सिरे से आशंका जताई जा रही है, क्योंकि मौजूदा कार्यवाहक सरकार ने चालू खाते के घाटे से निपटने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल का वचन दिया है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से घट रहा है। 

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में इसी जुलाई में आम चुनाव होने हैं। इस तरह की अटकलें हैं कि पाकिस्तान चुनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से कर्ज मांग सकता है। देश में भुगतान संतुलन संकट की आशंका है। इससे पहले देश 2013 में मुद्राकोष के पास गया था। 

कार्यवाहक वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमें 25 अरब डॉलर के अपने व्यापार घाटे के अंतर को हमारे भंडार के जरिये पाटना होगा। और कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के समक्ष यह प्रमुख चिंता है। देश के केंद्रीय बैंक ने रुपए में 3.7 प्रतिशत का अवमूल्यन भी किया है। 

पाकिस्‍तान पूरी तरह से आयात पर निर्भर है और दशकों से अपना निर्यात बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है। देश भारी बिजली संकट से ग्रस्‍त है और खराब इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर ने विकास की राह में बाधा पैदा कर दी है। पाकिस्‍तान पर जीडीपी का 70 प्रतिशत सार्वजनिक कर्ज है।

वित्‍त वर्श 2017-18 में पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर 5.8 प्रतिशत रही है, जो सरकार के तय लक्ष्‍य से 2 प्रतिशत पीछे है। सुरक्षा में सुधार के साथ पिछले कुछ सालों में भरोसे में थोड़ा सा सुधार हुआ है। आईएमएफ ने पिछले साल अक्‍टूबर में कहा था कि बेलआउट प्रोग्राम के पूरा होने के बाद पाकिस्‍तान संकट से बाहर आ गया है।

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