नई दिल्ली। कोरोना वायरस को देश में फैलने से रोकने के लिए सरकार ने जो लॉकडाउन घोषित किया है उससे देश में बेरोजगारी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि इस समय देश के सामने पहली चुनौती कोरोना वायरस से लड़ाई ही है लेकिन लॉकडाउन की वजह से उद्योग धंधे ठप हो गए हैं और सबसे ज्यादा मार देश के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर पड़ी है। इंफ्रा सेक्टर से जुड़े कारोबारी और श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर के चेयरमैन हेमंत कनोरिया के मुताबिक लॉकडाउन की वजह से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में काम कर रहे लगभग 70 प्रतिशत तक लोगों के रोजगार पर खतरा पैदा हो गया है।
हेमंत कनोरिया ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है और सेक्टर की मदद के लिए गुहार लगाई है। हेमंत कनोरिया ने हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की मदद के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं और कहा है कि इंडस्ट्री की मदद के लिए 12 महीने तक जीएसटी से पूर्ण राहत दी जाए और राज्य तथा केंद्र सरकारें सीजीएसटी तथा एसजीएसटी के बकाए का इंडस्ट्री तो जल्द से जल्द भुगतान करें।
हेमंत कनोरिया ने हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की मदद के लिए कई और भी सुझाव दिए हैं जिनमें बिजली और पानी की खपत के लिए वसूले जाने वाले फिक्स चार्ज को 6 महीने तक माफ करने और 6 महीने तक सेक्टर से जुड़े कर्मचारियों के आधे वेतन का भार उठाने की गुहार लगाई है।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक पहला लॉकडाउन घोषित किया था जिसे बाद में बढ़ाकर अब 3 मई कर दिया गया। लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था पर खराब असर जरूर पड़ रहा है लेकिन इस समय देश के सामने मुख्य चुनौती कोरोना वायरस ही है और खुद प्रधानमंत्री मोदी ने संकट की इस घड़ी में मोर्चा संभाला हुआ है। सरकार की तरफ से संकेत भी दिए गए हैं कि कोरोना वायरस का खतरा टलने के बाद अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए को लेकर बड़े कदम उठाए जा सकते हैं।