नयी दिल्ली। देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर के दौरान 15 प्रतिशत बढ़कर 26 अरब डॉलर पर पहुंच गया। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी छमाही में 22.66 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में सेवा क्षेत्र में 4.45 अरब डॉलर, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में चार अरब डॉलर, दूरसंचार क्षेत्र में 4.28 अरब डॉलर, वाहन को 2.13 अरब डॉलर और व्यापार क्षेत्र में 2.14 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आकर्षित हुआ।
सिंगापुर देश में एफडीआई का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। पहली छमाही में सिंगापुर से आठ अरब डॉलर का एफडीआई आया। उसके बाद मारीशस से 6.36 अरब डॉलर, अमेरिका से 2.15 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 2.32 अरब डॉलर और जापान से 1.78 अरब डॉलर का एफडीआई का प्रवाह देश में हुआ।
एफडीआई इस दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि देश को वृद्धि प्रोत्साहन देने के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र को उन्नत बनाने की जरूरत है। सरकार ने हाल में ब्रांड खुदरा व्यापार, कोयला खनन और ठेका विनिर्माण जैसे क्षेत्र के एफडीआई नियमों को उदार बनाया है।