नई दिल्ली। महामारी के बाद घरेलू अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी की वजह से भारत विदेशी निवेशकों के लिये आकर्षक बना हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले चार महूीनों के दौरान देश में एफडीआई 60 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गया है। वाणिज्य मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के प्रवाह में 62 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वहीं इसी अवधि में एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 112 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई हैं।
आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों के दौरान भारत ने कुल 27.37 अरब अमेरिकी डॉलर के एफडीआई प्रवाह को आकर्षित किया है जो वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में आए 16.92 अरब अमेरिकी डॉलर के एफडीआई की तुलना में 62 प्रतिशत अधिक है। वहीं पिछले साल की इसी अवधि में 9.61 अरब अमेरिकी डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों में एफडीआई इक्विटी प्रवाह 20.42 अरब अमेरिकी डॉलर रहा है यानि इसमें 112 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले चार महीनों के दौरान एफडीआई को आकर्षित करने में ऑटोमोबाइल उद्योग शीर्ष क्षेत्र के रूप में उभरा है। इसका कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में योगदान 23 प्रतिशत रहा है, इसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (18 प्रतिशत) का और सर्विस सेक्टर (10 प्रतिशत) का स्थान रहा है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि के दौरान ऑटोमोबाइल उद्योग क्षेत्र के तहत, एफडीआई इक्विटी का अधिकांश प्रवाह (87 प्रतिशत) कर्नाटक राज्य में हुआ है। वहीं जुलाई, 2021 तक कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 45 प्रतिशत हिस्से के साथ कर्नाटक शीर्ष प्राप्तकर्ता राज्य रहा है, इसके बाद महाराष्ट्र (23 प्रतिशत) और दिल्ली (12 प्रतिशत) का स्थान रहा है।
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