संयुक्त राष्ट्र। देश का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पिछले साल कम होकर 40 अरब डॉलर पर आ गया। वर्ष 2016 में यह 44 अरब डॉलर रहा था। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। यूएन कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट द्वारा तैयार विश्व निवेश रिपोर्ट 2018 के अनुसार इस दौरान भारत से बाहर जाने वाली एफडीआई दो गुनी से अधिक होकर 11 अरब डॉलर पर पहुंच गयी। रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक एफडीआई 2016 के 1870 अरब डॉलर से 23 प्रतिशत कम होकर 2017 में 1430 अरब डॉलर रह गया।
यूएन कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट के महासचिव मुखिसा कितुई ने कहा कि एफडीआई पर गिरावट का दवाब और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में गिरावट विशेष तौर पर विकासशील देशों में नीति निर्माताओं के लिए मुख्य चिंता का विषय है।
रिपोर्ट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी द्वारा विदेश में हालिया वर्षों में किए गए सक्रिय निवेश का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2017 के अंत तक ओएनजीसी के पास 18 देशों में 39 परियोजनाएं थी जो प्रतिदिन 2,85,000 बैरल गैस का उत्पादन कर रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के सीमा पार विलय एवं अधिग्रहण सौदे आठ अरब डॉलर से बढ़कर 23 अरब डॉलर पर पहुंच गए। रूस की रोसनेफ्टगैज के मालिकाना हक वाली सिंगापुर की पेट्रोल कंप्लेक्स ने एस्सार ऑयल लिमिटेड में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली। इसमें 13 अरब डॉलर का निवेश किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के अंत तक वैश्विक एफडीआई में 10 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।