नई दिल्ली। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में सात प्रतिशत गिरकर 33.49 अरब डॉलर पर आ गया। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने यह आंकड़ा जारी किया है।
पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में एफडीआई के जरिये देश में 35.94 अरब डॉलर का निवेश आया था। जिन प्रमुख क्षेत्रों में नौ महीनों में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश आया है, उनमें सेवा क्षेत्र (5.91 अरब डॉलर), कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर (4.75 अरब डॉलर), दूरसंचार (2.29 अरब डॉलर), ट्रेडिंग (2.33 अरब डॉलर), रसायन (6.05 अरब डॉलर) और वाहन उद्योग (1.81 अरब डॉलर) शामिल हैं।
चालू वित्त वर्ष के नौ महीने में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाले देशों में सिंगापुर शीर्ष पर रहा। उसने 12.97 अरब डॉलर का निवेश किया। इसके बाद मॉरीशस (6 अरब डॉलर), नीदरलैंड (2.95 अरब डॉलर), जापान (2.21 अरब डॉलर), अमेरिका (2.34 अरब डॉलर) और ब्रिटेन (1.05 अरब डॉलर) का स्थान रहा।
विदेशी निवेश में गिरावट से देश के भुगतान संतुलन पर दबाव पड़ सकता है और रुपए के मूल्य पर भी असर पड़ सकता है।