नई दिल्ली। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत में धन शोधन रोधी और वित्तीय अपराधों की रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधानों की इस साल प्रस्तावित समीक्षा को अगले साल तक के लिए टाल दिया है। अधिकारियों ने बताया कि एफएटीएफ के विशेषज्ञ इस संबंध में सितंबर-अक्टूबर में मौके पर समीक्षा करने वाले थे, लेकिन पेरिस स्थित वैश्विक निकाय के सचिवालय ने भारत को बताया है कि समीक्षा को अगले साल जनवरी-फरवरी तक टाला जा रहा है। एफएटीएफ वैश्विक स्तर पर धन शोधन और आतंकी वित्तपोषण की रोकथाम के मामलों की निगरानी करती है। संस्था दुनिया के देशों में आर्थिक और वित्तीय माध्यमों में अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को तय करती है साथ ही उसके दुनियाभर में आंतरिक तौर पर जुड़े संपर्क सूत्रों पर भी गौर करती है।
एफएटीएफ वित्तीय प्रणाली के आपराधिक दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रत्येक देश की प्रणाली की गहन समीक्षा और विश्लेषण करता है। भारत की धन शोधन यानी मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण रोधी व्यवस्था की समीक्षा 10 साल बाद एक नियमित प्रक्रिया के तहत की जानी थी। धन शोधन रोधी एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसी आखिरी समीक्षा जून 2010 में की गई थी। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एफएटीएफ समीक्षा के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो गईं थीं, हालांकि, इसके बाद कोविड-19 का प्रकोप शुरू हो गया। उन्होंने बताया, ‘‘हमें एफएटीएफ ने बताया है कि उसने कोरोना वायरस महामारी के कारण इस वर्ष के लिए तय कई देशों के समीक्षा कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है, जिसमें भारत भी शामिल है। उम्मीद है कि नई तारीखें अगले साल की शुरुआत में होंगी।’’ एफएटीएफ ने भी इस संबंध में सार्वजनिक घोषणा की है।