नई दिल्ली। कर चोरी करने वाली मुखौटा कंपनियों के खिलाफ घेरा कसने के बीच केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन ने फील्ड अधिकारियों से उन इकाइयों के खिलाफ अभियोजन के मामले दायर करने को कहा है जो फर्जी तरीके से दीर्घावधि का पूंजीगत लाभ (LTCG) उठाती हैं।
आयकर के प्रधान मुख्य आयुक्त को लिखे पत्र में CBDT के चेयरमैन सुशील चंद्र ने उन मामलों में अभियोजन की प्रक्रिया तेज करने को कहा है जिनमें निपटान आयोग ने एंट्री ऑपरेटरों के दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ के दावों को खारिज कर दिया है।
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- उन्होंने कहा, एंट्री आपरेटरों के मामले में अभियोजन की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी कर सकते हैं।
- इनमें फर्जी LTCG के दावे, निपटान आयोग द्वारा खारिज किए गए मामले शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने पिछले महीने राजस्व सचिव हसमुख अधिया की अगुवाई में एक कार्यबल गठित किया था।
- इसमें केंद्रीय जांच और प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्यों को भी रखा गया है।
15 लाख कंपनियों में से सिर्फ 6 लाख फाइल करती हैं सालाना रिटर्न
- आयकर विभाग के अनुसार भारत में अभी 15 लाख पंजीकृत कंपनियां हैं जिनमें से सिर्फ 6 लाख सालाना रिटर्न जमा कराती हैं।
- इसका मतलब है कि बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियों द्वारा वित्तीय अनियमितता की जाती है।
- जहां गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) ने 49 मुखौटा कंपनियों के खिलाफ मामले दायर किए हैं।
- वहीं समझा जाता है कि 559 लोगों ने 54 प्रोफेशनल्स की मदद से 3,900 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की है।
- नोटबंदी के बाद ऐसी मुखौटा कंपनियों में 1,238 करोड़ रुपए जमा कराए गए हैं।
गलत तरीके से कैपिटल गेन के फायदे नहीं लेने देगा आयकर विभाग
- आयकर विभाग कानून में खामियों को दूर करने और लोगों को गलत तरीके से पूंजीगत लाभ लेने से रोकने को कदम उठा रहा है।
- पिछले साल आयकर विभाग के संज्ञान में मुखौटा कंपनियों द्वारा 80,000 करोड़ रुपए का बोगस पूंजीगत लाभ लेने का मामला सामने आने के बाद बजट 2017-18 में उन लोगों पर 10 प्रतिशत का दीर्घावधि का पूंजीगत लाभ कर लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
- जिन्होंने एक अक्टूबर, 2004 के बाद गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में शेयर खरीदे हैं और उन्होंने खरीद के समय प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) नहीं दिया है।
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प्रकाश सचिन एंड कंपनी के भागीदार प्रकाश सिन्हा ने कहा
चूंकि यह वित्त वर्ष का आखिरी महीना है। ऐसे में CBDT के चेयरमैन ने अभियोजन में तेजी लाने पर जोर देकर अच्छा कदम उठाया है। कानून के तहत डिफॉल्टरों पर कार्रवाई की दृष्टि से यह अच्छा कदम होगा।