नई दिल्ली| देश के 20 राज्यों के तीन लाख 13 हजार 363 किसानों ने नए कृषि कानूनों के समर्थन में सरकार के पास अपने हस्ताक्षर के साथ एक पत्र भेजा है। कॉन्फेडरेशन ऑफ एनजीओस ऑफ रूरल इंडिया (सीएनआरआई) के राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कृषिभवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये पत्र सौंपे। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी के साथ ही सीएनआरआई के महासचिव विनोद आनंद, कार्यकारी अध्यक्ष रघुपति सिंह, मोहन कांडा, डॉ. प्रवीण त्रिपाठी सहित अन्य राष्ट्रीय पदाधिकारी मौजूद थे।
किसानों के समर्थन पर कृषि मंत्री ने क्या कहा
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि देशभर में नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से देश के कृषि क्षेत्र में इन सुधारों की जरूरत महसूस की जा रही थी। तोमर ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ संकल्पशक्ति का ही परिणाम है कि आज कृषि क्षेत्र में जरूरी सुधारों को हम जमीन पर उतरते देख रहे हैं।" उन्होंने कहा कि कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना मोदी सरकार की पहली प्रतिबद्धता है और आने वाले कल में भी रहेगी। उन्होंने कहा, "विगत छह वर्षो में कृषि सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। पीएम किसान सम्मान निधि, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि एवं इससे जुड़े अन्य क्षेत्रों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये का अवसंरचना कोष, देश में नये 10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की कवायद, किसानों को मांग के अनुरूप उर्वरक की आपूर्ति, फसलों के लागत मूल्य पर कम से कम 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करने जैसे कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
आगे क्या है सरकार के पक्ष में खड़े किसानों की योजना
तोमर ने कहा कि कृषि विशेषज्ञ लगातार इन सुधारों की अनुशंसा करते रहे थे। उन्होंने कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ना, उन्हें खुले बाजार की स्वतंत्रता प्रदान करना, युवा पीढ़ी को कृषि के क्षेत्र में आकर्षित करना और देश की जीडीपी में कृषि का योगदान बढ़ाना रहा है। तोमर ने कहा, "नए कृषि सुधार कानून इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाए गए हैं। इन सुधार कानूनों को लाने से पहले किसान यूनियनों, कृषि विशेषज्ञों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, कृषि मंत्रियों से विस्तार से विमर्श किया गया था।" सीएनआईई अब देश भर के ढाई लाख सरपंचों को कृषि कानूनों के समर्थन में जागरुकता के लिए पत्र भी लिखने जा रहा है।