नई दिल्ली। देश के किसान दलहन की बड़े पैमाने पर बुवाई कर रहे हैं। खरीफ सत्र 2016-17 में इस फसल की खेती का रकबा अब तक करीब 39 फीसदी बढ़कर 90.17 लाख हेक्टेयर हो गया है और दालों की बुबाई के मामले में कर्नाटक सबसे आगे चल रहा है।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक में आज तक दलहन खेती का रकबा 87 फीसदी बढ़कर 14.09 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 7.53 लाख हेक्टेयर था। महाराष्ट्र और राजस्थान में भी दलहन खेती के रकबे में 30 से 35 फीसदी की वृद्धि हुई है। कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि खरीफ फसलों की बुवाई में बेहतर प्रगति के मद्देनजर, चालू मानसून सत्र की शेष अवधि के दौरान अगर बरसात मौसम विभाग के अनुमान के अनुरूप बनी रहती है, तो इस साल का उत्पादन परिदृश्य पिछले वर्ष के मुकाबले कहीं बेहतर हो सकता है।
65 फीसदी क्षेत्र में हुई बुवाई
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कुल 1,062 लाख हेक्टेयर के खेती के रकबे में दलहन और धान सहित सभी खरीफ फसलों की बुवाई 65 फीसदी भूभाग में कर दी गई है। इसमें से मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई चालू सत्र में अभी तक 183.06 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 182.38 लाख हेक्टेयर में की गई बुवाई से मामूली अधिक है।
- मोटे अनाज की बुवाई का रकबा भी 3.46 फीसदी की मामूली वृद्धि के साथ 131 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 126.27 लाख हेक्टेयर से अधिक है।
- तिलहन खेती का रकबा चार फीसदी बढ़कर 149.16 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 143 लाख हेक्टेयर था।
- दलहन का रकबा 39 फीसदी बढ़ा है। यह रकबा 90.17 लाख हेक्टेयर है, जो पूर्व वर्ष की इसी अवधि में 64.69 लाख हेक्टेयर था।
- नकदी फसलों में गन्ना, जूट और कपास खेती का रकबा पिछले साल के मुकाबले कम है।
- कपास की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 14 फीसदी कम है, इसकी बुवाई 86.86 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में 99.52 लाख हेक्टेयर था।
- गन्ना खेती का रकबा 45.41 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल 47.40 लाख हेक्टेयर था।