नई दिल्ली: मोदी सरकार ने एपीएमसी के माध्यम से किसानों के बड़ा फायदा देने का ऐलान किया है। सरकार 1 लाख करोड़ रुपए मंडी के जरिए किसानों को देगी। कृषि मंडियों को सरकार द्वारा और मजबूत करने के लिए और संसाधन दिए जाएंगे। नारियल की खेती करने वाले किसानों के लिए कोकोनट डेवलपमेंट बोर्ड में CEO की नियुक्ती होगी। कृषि मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि एपीएमसी को मजबूत किया जाएगा। एपीएमसी को अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। किसान इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत आवंटित 1 लाख करोड़ रुपये का उपयोग एपीएमसी द्वारा किया जा सकता है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एपीएमसी को खत्म नहीं किया जाएगा। कृषि कानूनों के लागू होने के बाद एपीएमसी को केंद्र के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से करोड़ों रुपये प्राप्त होंगे, जो उन्हें मजबूत करेगा और अधिक किसानों के लिए उपयोगी होगा। इसके साथ ही कैबिनेट ने 23123 करोड़ रुपए के इमरजेंस हेल्थ पैकेज का ऐलान किया है।
क्या है एपीएमसी?
कृषि उपज मंडी समितियां (APMC) राज्य सरकारों द्वारा बिचौलियों द्वारा किसानों के शोषण की घटनाओं को समाप्त करने के लिए स्थापित विपणन बोर्ड हैं, जहां वे अपनी उपज को बेहद कम कीमतों पर बेचने के लिए मजबूर होते थे। आजादी के बाद किसानों की दशा सुधारने के लिए इस दिशा में अनेक प्रयास हुए। उसके बाद 1970 के दशक में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग ऐक्ट के तहत कृषि विपणन समितियां बनी थीं। इसे ही शार्ट फार्म में एपीएमसी कहा जाता है। इन समितियों का उद्देश्य बाजार की अनिश्चितताओं से किसानों को बचाना था।
क्या है एमएसपी?MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस या फिर न्यूनतम सर्मथन मूल्य होता है। MSP सरकार की तरफ से किसानों की अनाज वाली कुछ फसलों के दाम की गारंटी होती है। राशन सिस्टम के तहत जरूरतमंद लोगों को अनाज मुहैया कराने के लिए इस एमएसपी पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है।
एमएसपी का फायदा
एमएसपी तय करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर बाजार में फसल का दाम गिरता है, तब भी यह तसल्ली रहती है कि सरकार को वह फसल बेचने पर एक तय कीमत तो जरूर मिलेगी।