नई दिल्ली। देश में किसान अब समूह बनाकर सहकारी खेती कर सकते हैं और केंद्र सरकार ने एक ऐसा कानून बनाया है, जो इस प्रकार की खेती को बढ़ावा देता है। सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी। कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपला ने कहा कि यह कानून राज्यों के पास भेजा जा चुका है और अब किसान सहकारी खेती के लिए सहकारी संस्था बना सकते हैं या सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
प्रश्नकाल के दौरान रूपला ने सदस्यों को बताया कि किसान अब आधिकारिक तौर पर नए कानून के मुताबिक सहकारी कृषि करने के लिए एमओयू कर सकते हैं और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेश (एफपीओ) का गठन कर सकते हैं।
मंत्री उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें पूछा गया था कि सहकारी कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है। रूपला ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें नए कानून के मुताबिक सहकारी कृषि करने के लिए हर तरह की मदद प्रदान करेंगी।
एक लिखित जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि भूमि उपयोग पर उपलबध ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2014-15 में कृषि क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं आया है। 2012-13 में कुल कृषि योग्य क्षेत्र 15.5 करोड़ हेक्टेयर था और 2014-15 में भी इतनी ही कृषि भूमि थी।