नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा यह घोषणा किये जाने के बाद, कि सरकार किसानों को उत्पादन लागत का डेढ़ गुना दाम दिलायेगी, धान जैसी आगामी खरीफ फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 47 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वर्ष 2018-19 के लिए केन्द्रीय बजट को प्रस्तुत करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2017 के रबी फसलों के लिए उत्पादन लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है जैसा कि भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में वायदा किया गया था।
नीति आयोग ने दी जानकारी
सरकार ने 14-15 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित किया है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने बताया कि वित्तमंत्री द्वारा घोषित किये गये सिद्धांत के आधार पर MSP में कुल वृद्धि 8 प्रतिशत से 47 प्रतिशत के बीच हो सकती है जो फसल और उनके उत्पादन लागत पर निर्भर करेगा।
MSP में अधिकतम 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी मुमकिन
रागी के मामले में वर्ष 2018 के दौरान एमएसपी 47 प्रतिशत बढ़कर 2,791 रुपये प्रति क्विन्टल होगा जो मौजूदा समय में 1,900 रुपये प्रति क्विन्टल है। जेटली ने कहा कि एमएसपी को बढ़ाना पर्याप्त नहीं होगा और यह अधिक महत्वपूर्ण है कि किसानों को घोषित MSP का पूरा लाभ प्राप्त हो।
फिलहाल ऐसा है खरीफ फसलों का समर्थन मूल्य
खरीफ फसलों की खेती जून से शुरू होती है और खेती से पहले सरकार की तरफ से सभी खरीफ फसलों के लिए समर्थन मूल्य घोषित होता है। इस बार खरीफ फसलों के समर्थन मूल्य में जोरदार बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। खरीफ सीजन में मुख्य तौर पर धान, मक्का, कपास, सोयाबीन, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, रागी, तुअर, उड़द और मूंग की खेती होती है। सामान्य धान के लिए फिलहाल 1550 और ए ग्रेड धान के लिए 1590 रुपए, मक्का और बाजरा के लिए 1425 रुपए, ज्वार के लिए 1700 रुपए, रागी के लिए 1900 रुपए, मीडियम स्टेपल कपास के लिए 4020 रुपए, लॉन्ग स्टेपल कपास के लिए 4320 रुपए, तुअर के लिए 5450 रुपए, उड़द के लिए 5400 रुपए, मूंग के लिए 5575 रुपए और सोयाबीन के लिए 3050 रुपए का समर्थन मूल्य है। जून में इन सभी फसलों के समर्थन मूल्य में जोरदार बढ़ोतरी की उम्मीद है।
58000 करोड़ से ज्यादा का कृषि बजट
कृषि मंत्रालय के लिए बजट आवंटन को वित्तवर्ष 2018-19 के लिए 13 प्रतिशत बढ़ाकर 58,080 करोड़ रुपये किया गया है जो इस वर्ष 51,576 करोड़ रुपये था। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए आवंटन को दोगुना कर समीक्षाधीन अवधि के लिए 1,400 करोड़ रुपये किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज अगले वित्तवर्ष के बजट प्रस्तावों में वर्ष 2018-19 के लिए कृषि रिण का लक्ष्य इस वर्ष के 10 लाख करोड़ से बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये किया गया है। जबकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के लिए धनराशि को 10,698 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13,000 करोड़ रुपये किया गया है।