नई दिल्ली। बेहतर मानसून और खरीफ फसल की अच्छी पैदावार से कृषि कारोबार को लेकर सेंटीमेंट्स काफी अच्छे बन गए हैं। साख निर्धारक एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में शुरू किए गए कृषि सुधारों के साथ सरकार की ग्रामीण आय बढ़ाने की ओर ध्यान दिये जाने से कृषि आय में वृद्धि होने की संभावना है। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बावजूद ग्रामीण परिवारों की आय की स्थिति सामान्य बनी हुई है। इसके साथ विभिन्न क्षेत्रों में दी गई नकदी सहायता के साथ साथ बम्पर फसल होने से विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत भारी मात्रा में रबी फसलों की खरीद से कृषि आय की स्थिति को समर्थन मिला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मनरेगा और पीएम-किसान जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकारी सहायता में वृद्धि हुई है, जिससे ग्रामीण आय पर नकदी दबाव कम करने और रोजगार सृजन में मदद मिली है। साख निर्धारक एजेंसी के उपाध्यक्ष शमशेर दीवान ने कहा, ‘‘ राष्ट्रव्यापी तालाबंदी के अचानक लागू होने से रबी खरीद प्रक्रिया में व्यवधान की आशंका थी, लेकिन सरकार द्वारा तत्काल कृषि गतिविधियों को प्रतिबंधों से बाहर रखने जैसे कदम उठाने से स्थिति बदल गई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि के कारण शहरों से गांव लौटे श्रमिकों की वजह से अतिरिक्त श्रमबल को वापस काम में लगाने में मदद मिली।’’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि क्षेत्रों में समय पर और अच्छे मानसून की बारिश और श्रम की उपलब्धता से खरीफ बुवाई जल्दी हुई और खरीफ बुवाई का रकबा चालू वर्ष में रिकॉर्ड स्तर को छू गया है। अधिकांश खरीफ फसलों की ऊपज बेहतर रहने की संभावना है, इसलिए, कृषि धारणा मजबूत बनी हुई है।
पहली तिमाही में घरेलू अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड गिरावट के बीच कृषि सेक्टर ही ऐसा सेक्टर रहा जिसमें ग्रोथ दर्ज हुई है। वहीं कृषि उपकरणों, दोपहिया वाहनों और ट्रैक्टर सेल्स के आंकड़ों से भी संकेत हैं कि एग्री सेक्टर से मिले संकेतों का सकारात्मक असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े दूसरे सेक्टर में भी देखने को मिल रहा है। इस साल कृषि में बंपर उत्पाद का अनुमान है।