नई दिल्ली। अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले किसानों के अनुकूल कई छूटें दी जा सकती हैं। किसानों की कर्ज माफी ही 40 अरब डॉलर (2.8 लाख करोड़ रुपए) यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के डेढ़ प्रतिशत को पार कर जाएगा। एक रिपोर्ट में आज यह बात कही गई है।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफाएमएल) के विश्लेषकों का यह मानना है कि केंद्र और राज्य सरकारें 2019 चुनाव से पहले ग्रामीण क्षेत्र में व्याप्त असंतोष को शांत करने के लिए कई कदम उठाएंगे। ऐसे में यह प्रतीत होता है कि तब तक किसानों की कर्जमाफी 40 अरब डॉलर को पार कर जाएगी।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब एक रोज पहले ही कर्नाटक सरकार ने किसानों की कर्ज माफी तथा दो दिन पहले केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में तेज वृद्धि की घोषणा की थी। इससे पहले हाल ही में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी राज्य सरकारों ने कर्जमाफी की घोषणा की थी।
विश्लेषकों ने हालांकि, किसानों की कर्जमाफी के लिए धन जुटाने हेतु पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाने के कर्नाटक मॉडल को पसंद किया है और कहा है कि इसे देशभर में लागू किया जा सकता है।