नई दिल्ली। रेलवे के खर्चों को पूरा करने के लिए भारतीय तेल यात्रियों की जेब से पैसे निकवाने के लिए आय दिन नए-नए तरीके निकाल रहा है। इसी कड़ी में भारतीय रेल ने 48 ट्रेनों को अपग्रेड करके सुपरफास्ट ट्रेन का दर्जा दे दिया है जिसके बाद अपग्रेड होने वाली सभी ट्रेनों में यात्रियों को यात्रा करने पर पहले के मुकाबले ज्यादा किराया चुकाना पड़ेगा।
5 किलोमीटर प्रति घंटा बढ़ गई है गाड़ियों की रफ्तार
भारतीय रेल ने जिन 48 ट्रेनों को अपग्रेड करके सुपरफास्ट किया है उनकी स्पीड में 5 किलोमीटर प्रति घंटा की बढ़ोतरी का दावा किया जा रहा है। हालांकि स्पीड को बढ़ाने के अलावा ट्रेनों में किसी भी तरह की दूसरी सुविधा नहीं दी जा रही है। ऐसा करने के बाद अपग्रेड होने वाली ट्रेनों में स्लीपर क्लास का किराया 30 रुपए, थर्ड और सेकेंड एसी का किराया 45 रुपए और फर्स्ट एसी का किराया 75 रुपए बढ़ गया है।
पहली नवंबर से लागू हुआ नया टाइम टेबल
भारतीय रेल ने पहली नवंबर से ट्रेनों की जो नया टाइम टेबल जारी किया है उसके बाद यह किराया लागू हो चुका है। रेलवे इन ट्रेनों में स्पीड की बढ़ोतरी का दावा कर रहा है लेकिन इन ट्रेनों की समय पर पहुंचने की कोई गारंटी नहीं है। भारतीय रेल की सबसे तेज चलने वाली राजधानी और शताब्दी ट्रेनों के ही अभीतक समय पर पहुंचने की गारंटी नहीं मिल पायी है ऐसे में जिन ट्रेनों को अपग्रेड करके सुपरफास्ट किया गया है उनकी भी गारंटी नहीं है।
इन रेलगाड़ियों में लगेगा ज्यादा किराया
जिन ट्रेनों को अपग्रेड किया गया है उनमें मुंबई-मथुरा एक्सप्रेस, पुणे-अमरावती एसी एक्सप्रेस, बैंगलोर-शिवमोगा एक्सप्रेस, पाटलीपुत्र-चंडीगढ़ एक्सप्रेस, दरभंगा-जालंधर एक्सप्रेस, रॉक फोर्ट चेन्नई-तिरुचिरापल्ली एक्सप्रेस, टाटा-विशाखापटनम एक्सप्रेस, विशाखापटनम-नांदेड़ एक्सप्रेस, दिल्ली-पठानकोट एक्सप्रेस, कानपुर-उधमपुर एक्सप्रेस, छपरा-मथुरा एक्सप्रेस और मुंबई-पटना एक्सप्रेस शामिल हैं।