नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पेंशन को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सरकार के इस फैसले के बाद बहुत सारे परिवार को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। दरअसल सरकार ने शुक्रवार को एक अहम सुधार के तहत पारिवारिक पेंशन भुगतान की सीमा 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपए प्रति माह कर दी है। इस फैसले पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस कदम से दिवंगत हो चुके कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों का जीवन आसान होगा और उन्हें पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। सिंह ने कहा कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने उस राशि के मामले में स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें अपने माता या पिता की मृत्यु हो जाने पर कोई बच्चा फैमिली पेंशन की दो किस्तें निकालने का हकदार होता है।
उन्होंने कहा कि अब ऐसी दो किस्तों की कुल राशि 1.25 लाख रुपए से ज्यादा नहीं हो सकती। यह पिछली सीमा से ढाई गुना अधिक की वृद्धि है। केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमन 1972 के अनुसार, यदि पति व पत्नी दोनों ही सरकारी सेवा में हैं और इस नियम के तहत आते हैं, तो उनकी मौत की स्थिति में उनका जीवित बच्चा अपने माता-पिता की दो फैमिली पेंशन पाने के योग्य होगा। इससे पहले के निर्देशों में तय किया गया था कि ऐसे मामलों में दो फैमिली पेंशन की कुल राशि 45,000 रुपए प्रतिमाह और 27,000 रुपए प्रतिमाह, यानी क्रमश: 50 फीसदी और 30 फीसदी की दर से अधिक नहीं होगी। यह दर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 90,000 रुपए के अधिकतम वेतन के संदर्भ में तय की गयी थी।
पढ़ें- Hero मोटरसाइकिल सस्ते में खरीदने का बड़ा मौका, कंपनी ने निकाले बड़े ऑफर
पढ़ें- Honda Activa सस्ते में खरीदने का बड़ा मौका, कंपनी ने की बड़े ऑफर की घोषणा
पारिवारिक पेंशनपारिवारिक पेंशन सरकारी कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु की स्थिति में या सेवानिवृति के उपरांत उसके परिवार को स्वीकृत किया जाता है बशर्ते वह अपने मृत्यु के समय पेंशन प्राप्त कर रहा था। पारिवारिक पेंशन स्वीकृत करने के लिए परिवार को निम्न प्रकार से श्रेणीबद्व किया जाएगाः
श्रेणी-I
- विधवा या विधुर, मृत्यु या पुनर्विवाह जो पहले हो तक
- पुत्र/पुत्री (विधवा पुत्री शामिल) विवाह पुनर्विवाह के दिन तक या कमाना शुरू करने के दिन या 25 वर्ष की उम्र पहुंचने तक जो पहले हो।
श्रेणी-II
- अविवाहित / विधवा / तलाकशुदा पुत्री जो श्रेणी-I में शामिल नहीं हों, विवाह / पुनर्विवाह के दिन तक या कमाना शुरू करने के दिन तक या मृत्यु के दिन तक जो पहले हो।
- माता पिता जो कि पूर्णरूप से सरकारी कर्मचारी पर आश्रित थे जब वह जिन्दा था। इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मचारी ने अपने पीछे विधवा या बच्चे नहीं छोड़ा हो।
- माता पिता, अविवाहित / तलाकशुदा / विधवा पुत्रियों को पारिवारिक पेंशन मृत्यु के दिन तक जारी रहेगी।
- श्रेणी-II मे अविवाहित / विधवा / तलाकशुदा पुत्रियों तथा माता पिता को पारिवारिक पेंशन तभी देय होगी जब श्रेणी - I के सभी पात्र सदस्यों की पात्रता समाप्त हो जायेगी और कोई भी असक्त बच्चा पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए नहीं होगा। विभिन्न श्रेणियों में बच्चों को पारिवारिक पेंशन उनके जन्म के अनुसार देय होगी और उनमें से छोटा पारिवारिक पेंशन का पात्र नहीं होगा जबतक कि उससे बड़ा उस श्रेणी में पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने के लिए अपात्र नहीं जायेगा।
पारिवारिक पेंशन की दर
- सामान्य दर - पारिवारिक पेंशन की सामान्य दर सरकारी कर्मचारी द्वारा आहरित आंतम परिलब्धियों का 30 फीसदी होता है।
- बढ़ी हुई दर - यदि कर्मचारी की मृत्यु 07 साल की निरंतर सेवा के उपरांत हो जाता है , तो उक्त कर्मचारी को दिया जाने वाला पारिवारिक पेंशन की दर उसके द्वारा प्राप्त अन्तिम परिलब्धियों का 50% होता है इस प्रकार स्वीकार्य राशि कर्मचारीकी मृत्यु की तिथि के अगले दिन से 07 वर्ष की अवधि या मृत कर्मचारी के 67 वर्ष की उम्र पूर्ण करने की तिथि जो भी कम हो तक भुगतान योग्य होगी। पारिवारिक पेंशन सरकारी कार्मिक की मृत्यु की तिथि के अगले दिन से भुगतान योग्य हो जाती है तथा पारिवारिक पेंशन की ब़ढी हुई दर की समाप्ति के उपरांत दी जाने वाली पेंशन राशि सामान्य दर से ही दी जाएगी।
- कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु होने पर पारिवारिक पेंशन की बड़ी हुई दर 10 वर्षों तक देय होगी।
पढ़ें- बिना पेट्रोल चलेगी यह कार, 1 रुपए प्रति KM से भी कम आएगा खर्चा
पढ़ें- अगर आपका भी कटा है चालान तो आपके लिए आई खुशखबरी!
पढ़ें- PM Kisan Samman Nidhi के 2000 रुपए पाने के लिए जल्द कराएं रजिस्ट्रेशन, देखें तरीका
पढ़ें- पाकिस्तान में Gold के रेट, भारत के मुकाबले जानें पाकिस्तान में कितनी कीमत