नई दिल्ली। 31 दिसंबर 2019 से 2 हजार के नोट बंद होने की झूठी खबर के बाद सोशल मीडिया पर 500 रुपए के असली और नकली नोट को लेकर चर्चा तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर 500 के दो नोट को लेकर एक संदेश तेजी से वायरल हो रहा है। संदेश में कहा जा रहा है कि 500 रुपए के उस नोट को मत लें जिसमें हरे रंग की पट्टी महात्मा गांधी की फोटो के नजदीक है, इस तरह के नोट को नकली बताया जा रहा है। मैसेज में कहा जा रहा है कि ऐसे नोट को ही एक-दूसरे से लें जो गवर्नर के हस्ताक्षर के करीब है यानी कि नोट के बीच में है।
500 रुपए नोट के असली और नकली होने की इंटरनेट पर मौजूद खबरों के बीच पीआईबी की फैक्ट चेकिंग टीम ने वायरल पोस्ट की तहकीकात शुरू की। पीआईबी इंडिया ने अपने ऑफिशियल ट्विटर (@PIB_India) हैंडल से इस झूठ का पर्दाफाश करते हुए अपने ट्वीट में लिखा है कि वॉट्सऐप पर एक टिकटॉक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि जिस नोट में हरे रंग की पट्टी गांधी जी की फोटो के नजदीक है, वह फेक है। पीआईबी ने साथ ही स्पष्ट किया है कि ये दोनों नोट स्वीकार्य करेंसी हैं। प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो का निष्कर्ष है कि यह फेक न्यूज है।
बता दें कि पीआईबी ने सरकार और उसकी नीतियों को लेकर सोशल मीडिया पर चलने वाली फेक न्यूज को चिह्नित करने के लिए एक फैक्ट चेक यूनिट बनाई है। इस यूनिट में पीआईबी के कर्मचारी हैं। साथ ही बाहर से भी संविदा पर कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। यह टीम वॉट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले पोस्ट को मॉनिटर करती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आपको भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे वॉट्सऐप, ट्वीटर और फेसबुक में किसी पोस्ट की सत्यता पर संदेह है तो आप उसे पीआईबी को भेज सकते हैं। इसके लिए आपको संबंधित पोस्ट का स्क्रीनशॉट pibfactcheck@gmail.com पर ईमेल करना होगा। गौरतलब है कि, पीआईबी टीम केवल उन्हीं वायरल खबरों के तथ्य को खंगालेगी जिनका सरकार के मंत्रालयों या विभागों से संबंध होगा।
500 रुपए के नकली नोटों के बढ़े हैं मामले
समाचार एजेंसी पीटीआई ने आरबीआई आंकड़ों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2018-19 में 500 रुपए के नकली नोटों की संख्या में उससे पिछले साल के मुकाबले 121 फीसद का उछाल आया है।