Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. देश में बढ़ रहा है नकली नोटों का चलन, पिछले आठ सालों में नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले तेजी से बढ़े

देश में बढ़ रहा है नकली नोटों का चलन, पिछले आठ सालों में नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले तेजी से बढ़े

बैंकिंग तंत्र में लेनदेन के दौरान नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले पिछले आठ साल में तेजी से बढ़े हैं। पिछले आठ साल में इनकी संख्‍या 3.53 लाख तक पहुंच गई।

Abhishek Shrivastava
Published on: June 14, 2017 13:42 IST
देश में बढ़ रहा है नकली नोटों का चलन, पिछले आठ सालों में नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले तेजी से बढ़े- India TV Paisa
देश में बढ़ रहा है नकली नोटों का चलन, पिछले आठ सालों में नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले तेजी से बढ़े

नई दिल्‍ली। देश के बैंकिंग तंत्र में लेनदेन के दौरान नकली मुद्रा पकड़े जाने के मामले पिछले आठ साल में तेजी से बढ़े हैं। सरकार की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार इन मामलों की संख्या पिछले आठ साल में 3.53 लाख तक पहुंच गई।

सरकारी, निजी बैंकों और देश में संचालित सभी विदेशी बैंकों के लिए यह अनिवार्य है कि नकली मुद्रा पकड़े जाने संबंधी किसी भी घटना की जानकारी वे धन शोधन रोधी कानूनों के प्रावधान के तहत वित्‍तीय खुफिया इकाई फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को जरूर दें। यह भी पढ़े: 200 रुपए का नोट सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, देखिए Photos

नकली मुद्रा रिपोर्ट (सीसीआर) की संख्या वर्ष 2007-2008 में महज 8,580 थी और वर्ष 2008-2009 में यह बढ़कर 35,730 और वर्ष 2014-15 में बढ़कर 3,53,837 हो गई। हालांकि, नकली मुद्रा में कितनी राशि पकड़ी गई, इसकी जानकारी उजागर नहीं की गई। सीसीआर का अर्थ नकली मुद्रा नोट या बैंक नोट का इस्तेमाल आम नोट की तरह करना है। यदि बैंक में नकदी के लेनदेन के दौरान किसी कीमती प्रतिभूति या दस्तावेज से जुड़ी जालसाजी की गई है, तो वह भी सीसीआर के तहत आती है।

वर्ष 2007-08 में सरकार ने पहली बार यह अनिवार्य किया था कि एफआईयू धन शोधन रोकथाम कानून के तहत इस तरह की रिपोर्ट  प्राप्त करेगा। उसके के बाद से एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2009-10 में 1,27,781 सीसीआर दर्ज हुईं। वर्ष 2010-11 में यह संख्या 2,51,448 और वर्ष 2011-12 में यह 3,27,382 थी।

वर्ष 2012-13 में सीसीआर संख्या 3,62,371 रही, जबकि वर्ष 2013-14 में ऐसे कुल 3,01,804 मामले एफआईयू के समक्ष आए।  वर्ष 2010-11 से 2014-15 के आंकड़े दिखाते हैं कि इन रिपोर्ट में एक बड़ा हिस्सा यानी 90 प्रतिशत से अधिक रिपोर्ट निजी भारतीय बैंकों ने दायर की हैं। इनमें से अधिकतर रिपोर्ट किसी अन्य मूल्यवान प्रतिभूति से नहीं बल्कि नकली भारतीय नोटों से जुड़ी थीं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement