नई दिल्ली। सरकार की देश में 100 स्मार्ट सिटी विकसित करने की महत्वाकांक्षी योजना के मद्देनजर फेयरवुड समूह ने चीन की छह प्रमुख कंपनियों के साथ गठजोड़ किया है ताकि बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कारोबारी संभावना का फायदा उठाया जा सके। कंपनी ने अगले आठ साल में 20 अरब डॉलर की परियोजना का लक्ष्य रखा है।
बुनियादी ढांचा क्षेत्र को सेवा प्रदान करने वाले समूह ने चीन की छह कंपनियों- शांघाई तोंजी अर्बन प्लानिंग एंड डिजाईन इंस्टीच्यूट, शांघाई मैग्लेव, चायना रेल कंस्ट्रक्शन कार्पोरेशन, चायना हार्बर इंजीनियरिंग कंपनी, चायना कम्यूनिकेशन कंस्ट्रक्शन कंपनी और बीजिंग ओरिजिन वाटर कंपनी के साथ भागीदारी की है।
फेयरवुड समूह के प्रबंध निदेशक आर एस दास ने कहा, कंपनियों को शहर नियोजन, इंजीनियरिंग, रेलवे, निर्माण, संचार और जल प्रबंधन में विशेषग्यता प्राप्त है और ये बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के कार्यान्वयन और योजना में हमारी मजबूती बढ़ाएंगी। हमने अगले आठ साल में भारत में बुनियादी ढांचा और शहरीकरण के कारोबार में 20 अरब डॉलर का भागीदारी का लक्ष्य रखा है।
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अमेरिका का भारत के साथ मार्च में 1.7 अरब डॉलर का व्यापार-घाटा
अमेरिका का मार्च में भारत के साथ व्यापार घाटा 1.7 अरब डॉलर रहा जबकि चीन के साथ इसी दौरान यह घाटा 26 अरब डॉलर के बराबर रहा। निर्यात की तुलना में आयात का अधिक होना व्यापार-घाटे की स्थिति कहा जाता है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय के ताजा मासिक आंकड़ों में कहा गया है कि मार्च के दौरान देश का वस्तु व सेवा क्षेत्र में व्यापार घाटा फरवरी की तुलना में 6.5 अरब डॉलर घटकर 40.4 अरब डॉलर रहा। फरवरी में यह 47 अरब डॉलर था।
मार्च का निर्यात फरवरी के मुकाबले 1.5 अरब डॉलर घटकर 176.6 अरब डॉलर और आयात फरवरी के मुकाबले 8.1 अरब डॉलर घटकर 217.1 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य विभाग के मुताबिक चीन के साथ व्यापार घाटा मार्च महीने में एक माह पहले की तुलना में 6.2 अरब डॉलर घटकर 26 अरब डॉलर रहा।
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