नई दिल्ली। औद्योगिक उत्पादन के ताजा आंकड़ों ने मोदी सरकार को खुश होने की वजह दे दी है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा आज जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में देश की औद्योगिक उत्पादन वृद्धि (आईआईपी) दर नौ महीने के उच्च स्तर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
अगस्त 2017 में माइनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग और इलेक्ट्रीसिटी सेक्टर की वृद्धि सालाना आधार पर क्रमश: 3.3 प्रतिशत, 1.6 प्रतिशत और 6.2 प्रतिशत रही है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 23 इंडस्ट्री ग्रुप में से 10 में अगस्त माह के दौरान सकारात्मक वृद्धि दिखाई पड़ी है। सितंबर में रिटेल महंगाई दर भी घटकर 3.28 प्रतिशत रही है जिससे भविष्य में ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ी है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आधार पर मापे जाने वाले औद्योगिक उत्पादन में एक साल पहले अगस्त माह में 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। इससे पहले, नवंबर 2016 में औद्योगिक उत्पादन में सर्वाधिक 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के पांच माह के दौरान हालांकि, आईआईपी वृद्धि 2.2 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2016-17 की इसी अवधि में 5.9 प्रतिशत रही थी।
इस बीच, जुलाई 2017 के आईआईपी आंकड़ा को संशोधित कर 0.94 प्रतिशत किया गया है। पिछले महीने जारी अस्थायी अनुमान में इसके 1.2 प्रतिशत रहने का आंकड़ा जारी किया गया था। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में 77.63 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि हालांकि अगस्त माह में घटकर 3.1 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.5 प्रतिशत थी। खनन और बिजली क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि सालाना आधार पर अगस्त महीने में क्रमश: 9.4 प्रतिशत और 8.3 प्रतिशत रही।
वस्तुओं के उपयोग के आधार पर देखा जाए तो आलोच्य महीने में प्राथमिक वस्तुओं में 7.1 प्रतिशत, पूंजीगत वस्तुओं में 5.4 प्रतिशत, मध्यवर्ती वस्तुओं में 0.2 प्रतिशत की गिरावट और बुनियादी ढांचा निर्माण से जुड़ी वस्तुओं के मामले में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। टिकाऊ उपभोक्ता और गैर-टिकाऊ उपभोक्ता क्षेत्रों की वृद्धि क्रमश: 1.6 प्रतिशत और 6.9 प्रतिशत रही।