वाशिंगटन: अमेरिकी नियामकों ने सोशल नेटवर्क साइट फेसबुक पर सूचनाओं की निजता संबंधी कानून के उल्लंघन के एक मामले में रिकॉर्ड पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है। इसी के साथ कंपनी के कारोबार परिचालन पर कई प्रतिबंध भी लगाए गए हैं और उसे अपने लिए एक संशोधित कॉरपोरेट ढांचे की रुपरेखा सौंपने को कहा गया है। संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) का कहना है कि यह किसी भी कंपनी पर ग्राहकों की सूचना की निजता उल्लंघन के मामले में लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है। वहीं यह अमेरिकी सरकार द्वारा किसी भी तरह के नियम उल्लंघन के लिए लगाए गए सबसे अधिक जुर्मानों के मामलों में से एक है।
एफटीसी के चेयरमैन जो सिमॉन्स ने कहा कि दुनियाभर में अपने अरबों उपयोक्ताओं से बार-बार वादा करने के बावजूद कंपनी लोगों को नहीं बता सकी कि कैसे वह उनकी निजी जानकारियां के साझा करने पर नियंत्रण करें। फेसबुक ने ग्राहकों के चयन के अधिकार की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि एफटीसी के इतिहास में पांच अरब डॉलर का जुर्माना और कंपनी पर लगाए गए प्रतिबंध अभूतपूर्व हैं। एफटीसी के साथ हुए विवाद निपटान समझौते के अनुसार फेसबुक के कारोबारी परिचालन पर कई नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसके अलावा कानून अनुपालन के लिए बहुस्तरीय माध्यम बनाए गए हैं।
आदेशानुसार निजता के प्रति फेसबुक को अपने निदेशक मंडल के भीतर ही निजता पर एक स्वतंत्र समिति बनानी होगी। निजता को लेकर उसे अपने दृष्टिकोण के नया स्वरूप देना होगा। इसके अलावा उसे एक ऐसी मजबूत व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी जो फेसबुक के कार्यकारियों द्वारा निजता पर किए गए फैसलों के लिए उनकी जिम्मेदार तय कर सके और उनके निर्णय तथ्यपरक होने चाहिए। एफटीसी ने कहा कि कंपनी पर लगाए गए प्रतिबंध इस तरह से तैयार किए गए हैं जो न सिर्फ भविष्य में होने उल्लंघन को रोकेंगे बल्कि निजता को लेकर फेसबुक की संस्कृति को बदलेंगे।
विवाद निपटान समझौता फेसबुक उपयोक्ताओं की निजता को प्रभावित करने वाले निर्णयों पर फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग के नियंत्रण को समाप्त करता है। एफटीसी की पांच सदस्यीय पीठ में से दो ने इस जुर्माने को नाकाफी बताया। इसके अलावा कैंब्रिज एनालिटिका डाटा चोरी मामले की जांच में शेयर बाजार नियामक के साथ अलग से हुए समझौते में फेसबुक 10 करोड़ डॉलर का जुर्माना अदा करने पर सहमत हुआ है। उस पर यह जुर्माना फेसबुक के उपयोक्ता आंकड़ों के दुरुपयोग के जोखिम से जुड़ी गलत जानकारी देने के लिए लगाया गया है।