नई दिल्ली। दिल्ली के रहने वाले महेश (बदला हुआ नाम) ने अपनी वास्तविक ID के आधार पर दिल्ली में आधार कार्ड के लिए अप्लाई किया। अगले ही दिन उसने एक बार फिर मोहित (बदला हुआ नाम) से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस को ID बनाते हुए आधार कार्ड के लिए अप्लाई किया। इसके परिणाम के बारे में आप सोच भी नहीं सकते। आइए, जानते हैं महेश के साथ बाद में आखिर हुआ क्या?
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फर्जी नाम पर ही आया आधार कार्ड
अब इसे महेश का दुर्भाग्य ही कहिए कि उसका आधार कार्ड कुछ हफ्ते बाद फर्जी नाम से ही बनकर आया। अब उसे अपनी बाकी की जिंदगी महेश के नाम से ही गुजारनी होगी। न केवल उसे अपना नाम महेश से मोहित में बदलवाना होगा बल्कि अपने सर्टिफिकेट्स और अन्य दस्तावेज जैसे वोटर ID कार्ड, पैन कार्ड आदि पर भी नाम बदलवाना होगा।
बात इतनी ही होती तो चलिए कोई बात नहीं। जाली दस्तावेजों के जरिए और दो जगह अपना बायोमेट्रिक्स देने के कारण उसे आधार कानून के तक तीन साल की जेल भी होगी। यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑफ इंडिया (UIDAI) ने उसके खिलाफ FIR भी करवा दी है।
तस्वीरों के जरिए समझिए कैसे किया जाता है आधार कार्ड से जुड़ी सूचनाओं को अपडेट
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एक अधिकारी के अनुसार, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भले ही कोई चाहे जितनी बार आधार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा ले लेकिन किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक आधार कार्ड जारी नहीं हो सकता। UIDAI सत्यापन के समय आवेदनकर्ता के बायोमेट्रिक्स का सत्यापन भी करता है। किसी भी व्यक्ति के बायोमेट्रिक्स के आधार पर सिर्फ एक ही आधार कार्ड जारी किया जा सकता है और इसे कभी बदला नहीं जा सकता। बार-बार अप्लाई करने वालों को पकड़ना भी उतना ही आसान है।