नई दिल्ली। देश का निर्यात जुलाई में 6.84 फीसदी घटकर 21.69 अरब डॉलर रह गया। इंजीनियरिंग वस्तुओं तथा पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में गिरावट से कुल निर्यात नीचे आया है। इससे पहले जून में 18 महीने बाद पहली बार निर्यात बढ़ा था। हाल तक सरकार के लिए चिंता का सबब रहा सोने का आयात जुलाई में आधे से अधिक घटकर 1.08 अरब डॉलर रह गया। जुलाई में वस्तुओं का निर्यात 21.69 अरब डॉलर रहा, जो जुलाई, 2015 में 23.28 अरब डॉलर था।
निर्यात के साथ आयात घटने से जुलाई महीने में व्यापार घाटा कम होकर 7.76 अरब डॉलर रह गया। यह एक साल पहले समान अवधि में 13.09 अरब डॉलर था। दिसंबर, 2014 से देश का निर्यात लगातार नीचे आ रहा है। कमजोर वैश्विक मांग तथा तेल कीमतों में गिरावट की वजह से निर्यात में लगातार कमी आ रही है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में देश का आयात 19.03 फीसदी घटकर 29.45 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले साल समान महीने में 36.37 अरब डॉलर था। माह के दौरान सोने का आयात 64 फीसदी घटकर 1.08 अरब डॉलर रह गया, जो जुलाई, 2015 में 2.97 अरब डॉलर रहा था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में पेट्रोलियम, कच्चे तेल और संबंधित उत्पादों का आयात 28 फीसदी घटा।
कुल मिलाकर अप्रैल से जुलाई की अवधि में वस्तुओं का निर्यात 3.62 फीसदी घटकर 87 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 90.27 अरब डॉलर था। इस चार माह की अवधि में कुल आयात 16.33 फीसदी घटकर 113.99 अरब डॉलर रह गया। अप्रैल-जुलाई के दौरान व्यापार घाटा अनुमानत: 27 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 46 अरब डॉलर था।
निर्यातकों के प्रमुख संगठन फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि निर्यात में गिरावट वैश्विक व्यापार में कमी को दर्शाती है। प्रमुख निर्यातक देश चीन में भी इसी तरह की गिरावट देखने को मिली है। अप्रैल-जून के दौरान सेवाओं का शुद्ध निर्यात 16.2 अरब डॉलर रह जो एक साल पहले समान अवधि में 16.49 अरब डॉलर था।